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किसान आज ही शुरू करें नारियल की खेती, सरकार कर रही हरसंभव मदद

तमिलनाडु में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आतिथ्य में नारियल समुदाय के किसानों का सम्मेलन हुआ. इस दौरान नरेंद्र सिंह तोमर ने कोयम्बटूर के नारियल की खेती करने वाले किसानों को संबोधित किया.

अनामिका प्रीतम
Farmers should start coconut cultivation
Farmers should start coconut cultivation

कोयम्बटूर (तमिलनाडु) /नई दिल्ली, 14 अक्टूबर 2022, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि केंद्र सरकार, देश में नारियल की खेती को बढ़ावा देने के लिए नारियल समुदाय से जुड़े किसानों को हरसंभव सहायता प्रदान करती रहेगी.

देश में नारियल आधारित उद्योगों की संख्या में हुई वृद्धि

पिछले कुछ वर्षों में अनुसंधान-विकास के क्षेत्र में जो प्रयास किए गए हैं, उनके फलस्वरूप खेती व प्रसंस्करण क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियां विकसित हुई हैं एवं उपलब्ध प्रौद्योगिकियों को और अधिक उन्नत तथा बेहतरीन बनाया गया है. देश में नारियल आधारित उद्योगों की संख्या में वृद्धि के साथ ही बाज़ार में नए उत्पाद तथा रोज़गार के कई अवसर भी बढ़ रहे हैं. केंद्रीय मंत्री तोमर ने यह बात कोयम्बटूर में नारियल समुदाय के किसानों के सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में कही.

किसानों के लिए मुनाफे की खेती सुनिश्चित करेगी केंद्र सरकार

तोमर ने नारियल किसानों के बीच आकर प्रसन्नता महसूस करते हुए, नारियल समुदाय की खुशहाली के लिए आयोजन हेतु नारियल विकास बोर्ड व गन्ना प्रजनन संस्थान को उनकी पहल के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इसलिए इसे मजबूत बनाना, आगे बढ़ाना व किसानों के लिए मुनाफे की खेती सुनिश्चित करना केंद्र एवं राज्य सरकार का दायित्व है. कृषि अर्थव्यवस्था में नारियल की खेती का योगदान काफी महत्वपूर्ण है.

दुनिया के तीसरे बड़े नारियल उत्पादकों में से एक भारत

नारियल की खेती में भारत अग्रणी है व दुनिया के तीसरे बड़े उत्पादकों में से एक हैं. देश में नारियल के अधीन क्षेत्र का 21 प्रतिशत, उत्पादन का 26 प्रतिशत तमिलनाडु का योगदान है. नारियल प्रसंस्करण गतिविधियों में तमिलनाडु पहले नंबर पर है व नारियल खेतीगत क्षेत्र की दृष्टि से कोयम्बटूर प्रथम है, जहां 88,467 हेक्टेयर क्षेत्र में नारियल की खेती हो रही है.  तोमर ने कहा कि यहां के लोग नारियल क्षेत्र के विकास व कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. नारियल विकास बोर्ड छोटे-सीमांत किसान एकीकृत कर त्रिस्तरीय किसान समूह बना रहा है. राज्य में वर्तमान में 697 नारियल उत्पादक समितियां, 73 नारियल उत्पादक फेडरेशन एवं 19 नारियल उत्पादक कंपनियां हैं.

भारत में प्रति वर्ष 3,638 मिलियन नारियल की प्रसंस्करण क्षमता के साथ 537 नई प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने हेतु समर्थन दिया गया है. यह सफलता बोर्ड द्वारा देश में कार्यान्वित मिशन कार्यक्रम के ज़रिए हासिल हुई है. इनमें से 136 इकाइयां तमिलनाडु की हैं, जो रोजगार के अवसर सृजित कर रही हैं तथा किसानों की माली हालत सुधारने में भी मदद कर रही हैं.

सरकार किसानों की फसल नुकसान की करती है भरपाई

तोमर ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में सब-कुछ अनुकूल होने के बाद भी किसानों को प्राकृतिक प्रकोप का सामना करना पड़ता है, जिससे उन्हें नुकसान होता है. इसकी भरपाई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व तमिलनाडु राज्य की योजना के माध्यम से की जाती है. कृषि अर्थव्यवस्था और मजबूत करना है, यह इतनी ताकतवर है कि प्रतिकूल परिस्थितियों में भी देश को खड़ा रखने में मददगार साबित होगी. कोविड में भी कृषि ने इस बात को साबित किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 8 वर्षों में कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिए अनेक कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) के जरिये करीब साढ़े 11 करोड़ किसानों के खातों में 2 लाख करोड़ रु. से अधिक राशि जमा कराई गई है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से 6 वर्षों में प्राकृतिक प्रकोप से हुए फसलों को नुकसान के बदले 1.22 लाख करोड़ रु. क्लेम राशि किसानों के खातों में जमा कराई गई हैं.

ये भी पढ़ें: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का किसानों को बड़ा तोहफा, बीज को लेकर तैयार किया रोडमैप

सूक्ष्म सिंचाई योजना के अंतर्गत पहले 5 हजार करोड़ रु. का प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर 10 हजार करोड़ रु. कर दिया गया है. माइक्रो इरिगेशन अंतर्गत 70 लाख हेक्टेयर खेती रकबा लाया गया है. किसान क्रेडिट कार्ड योजना अंतर्गत पहले पांच-छह लाख करोड़ रुपए तक ही किसानों को फसल ऋण दिया जाता था, जिसे प्रधानमंत्री जी ने बढ़ाकर लगभग साढ़े 18 लाख करोड़ रु. कर दिया है. गांव-गांव में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़े, इसके लिए एक लाख करोड़ रु. के एग्री इंफ्रा फंड का प्रावधान किया गया है. किसानों, किसानों के समूह, एफपीओ, पैक्स, कृषि उपज मंडियां सभी इसका उपयोग कर गांवों में वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज या जरूरत के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास कर सकते हैं. सरकार प्रयास कर रही है कि किसान महंगी फसलों की ओर जाएं, एफपीओ के माध्यम से प्रोसेसिंग यूनिट खड़ी कर सकें, जिसके लिए लोन एवं सब्सिडी की व्यवस्था भी की गई है.

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाएं किसानों की समद्धि के लिए हैं और उनके जीवन में खुशहाली लाने के लिए है. उन्होंने आश्वस्त किया कि किसान, राज्य सरकार के साथ मिलकर परियोजनाएं सबमिट करें, प्रधानमंत्री  मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के विकास के लिए कंधे से कंधा व कदम से कदम मिलाकर पूरी तरह साथ खड़ी है.

सम्मेलन में ये रहें मुख्य अतिथि

कार्यक्रम के दौरान तमिलनाडु के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एम.आर.के. पनीर सेल्वम, नारियल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष  के.आर. नारायण, सीईओ व केंद्रीय कृषि मंत्रालय की संयुक्त सचिव डॉ. विजय लक्ष्मी, केंद्रीय उद्यानिकी आयुक्त  प्रभात कुमार, कुलपति गीता लक्ष्मी, गन्ना प्रजनन संस्थान के निदेशक व स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं केंद्र-राज्य सरकार के अधिकारी व किसान भाई-बहन मौजूद थे.

English Summary: Farmers should start coconut cultivation today, the government is doing all possible help Published on: 14 October 2022, 05:54 PM IST

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