किसानों को तूर की दाल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए व्यापारियों ने सरकार से इसकी एमएसपी को बढ़ाने की मांग की है. दिल्ली दाल संगठन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कहा कि पिछले कई सालों से तूर के दाल का उत्पादन कम हो गया है, जिस कारण बाजार में इसकी कीमतों में लगातार इजाफा होता जा रहा है.
सुरेश अग्रवाल ने कहा कि अन्य दालों की तुलना में तूर की दाल को तैयार होने में ज्यादा समय लगता है. सरकार ने इसकी एमएसपी को भी 7755 रुपये प्रति कुंतल से घटाकर 6600 रुपये प्रति कुंतल कर दिया है. हालांकि इसके दाम गिरने और लगातार मांग बढ़ने की वजह से सरकार ने 2023-24 के वर्ष में तूर के आयात को और बढ़ाने की योजना बनाई है.
सरकार ने पिछले कुछ महीनों से तूर के दाल के दाम में 8 से 10 प्रतिशत का इजाफे को देखते हुए इसकी दाम पर निगरानी रखने के लिए समिति का गठन किया है.
तूर की दाल मुख्य तौर पर पूर्वी अफ्रीका और म्यांमार से आयात की जाती है. वाणिज्य विभाग के अनुसार, तूर के दाल के आयात को ज्यादा करने के लिए इसे मुफ्त श्रेणी के अंदर रखा गया है.
महाएफपीसी के प्रबंध निदेशक योगेश थोराट ने कहा, मात्र 8000 किसानों ने अपनी पैदावार बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है और इनमें से ज्यादातर किसानों को लगता है कि आने वाले दिनों में तूर की कीमतें और बढ़ेंगी.
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महाराष्ट्र की लातूर मंडी से देश भर में तूर के दाम तय होते हैं. हाल ही में हुए लगातार खराब बारिश से कारण तूर के उत्पादन में कमी आई है. किसान बारिश से हुई फसल नुकसान को बढ़ी हुई कीमतों के कारण सरकार से एमएसपी की उम्मीद कर रहे हैं.
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