1. Home
  2. ख़बरें

किसानों की मांग, MSP Bill की लड़ाई अभी बाकी है!

जहां प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने फार्मर बिल (Farmer Bill) को वापस कर लिया है, वहीं एमएसपी बिल (MSP Bill) को लेकर किसानों की मांग अभी भी जारी है. फार्म यूनियनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले का स्वागत किया, जिनका वे एक साल से विरोध कर रहे थे. लेकिन सरकार को अब एक कठिन मांग के साथ संघर्ष करना होगा यानि किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून बनाना होगा.

रुक्मणी चौरसिया
Farmer's Protest
Farmer's Protest

जहां प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने फार्मर बिल (Farmer Bill)  को वापस कर लिया है, वहीं एमएसपी बिल (MSP Bill) को लेकर किसानों की मांग अभी भी जारी है. फार्म यूनियनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले का स्वागत किया, जिनका वे एक साल से विरोध कर रहे थे.  लेकिन सरकार को अब एक कठिन मांग के साथ संघर्ष करना होगा यानि किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून बनाना होगा.

यह लोकतंत्र की जीत है, लेकिन आंशिक जीत है. क्योंकि किसानों की दो मांगें थीं, एक (तीन) कानूनों को निरस्त करना था, दूसरा, उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देना है, जिसकी मांग खुद प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए भी की थी.

बीकेयू के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikaet) ने कहा कि "अभी वार्षिक विरोध को समाप्त करने का समय अभी नहीं आया है. हम विरोध वापस नहीं ले रहे हैं. हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि क्या होता है. इसके अलावा, हम एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर एक कानून चाहते हैं."

MSP Bill  क्यों है जरुरी? (Why MSP Bill is necessary?)

एमएसपी ना होने के चलते एक ऐसी ख़बर भी आयी है कि यूपी में किसानों को धान एमएसपी रेट से कम में बेचना पड़ रहा है, क्योंकि धान गिला होने की वजह से सरकार उसको नहीं खरीद रही है और व्यापारी और बिचौलिया इसका फायदा उठा रहें है. 

तो ऐसे में किसानों की यह मांग है की MSP को लेकर बिल बनना चाहिए जिससे किसानों का शोषण ना हो सके. 

इसे भी पढ़ें: 1100 रुपये क्विंटल धान बेचने के लिए मजबूर हुए किसान, जानिए वजह?

अगर एमएसपी को अनिवार्य कर दिया जाता है, तो भारत का कृषि निर्यात गैर-प्रतिस्पर्धी बन सकता है, क्योंकि सरकार की सुनिश्चित कीमतें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार कीमतों से कहीं अधिक हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है कि, कोई भी व्यापारी अधिक कीमत पर खरीदना और कम दर पर निर्यात नहीं करना चाहेगा.

29 नवंबर को होगी संसद कूच (Parliament march to be held on November 29)

किसान आंदोलन (Farmer's Protest) जहां एक तरह नरम पड़ता दिख रहा है, वहीं एमएसपी बिल की मांग उठाने के लिए यह आंदोलन अभी जारी रहेगा.

आपको बता दें कि, राकेश टिकैत ने यह ऐलान किया है कि 29 नवंबर को संसद कूच करने जा रही है. अब ऐसे में देखना यह है की केंद्र सरकार इसपर कोई कदम उठाती है या नहीं. 

English Summary: Farmers demand, the fight for MSP Bill is yet to come! Published on: 22 November 2021, 05:23 PM IST

Like this article?

Hey! I am रुक्मणी चौरसिया. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News