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धान, कपास, बाजरा की खेती करने वाले किसान और पशु व मत्स्य पालक ध्यान दें...

हरियाणा के किसानों के लिए इस मौसम में क्या करना उचित होगा, इसके बारे में इस लेख में जानकारी दी गई है. इस जानकारी का किसान पालन कर कई समस्याओं से बच सकते हैं.

अनामिका प्रीतम
Fish farmers
Fish farmers

हरियाणा में खेती करने वाले किसानों को राज्य मौसम विभाग ने जरूरी जानकारी दी है. ये जानकारी अभी के मौसम को देखते हुए दी गई है. इसके साथ ही मौसम विभाग ने पशुपालक और मत्स्यपालक किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण जानकारी दी है.  

चावल

अगर खेत में धान के पौधे पीले पड़ने लगे यानी ऊपर की पत्तियां पीली और नीचे की पत्तियां हरी रहने लगें, तो किसान जिंक सल्फेट के घोल (6.0 किग्रा जिंक सल्फेट को 300 लीटर पानी / हेक्टेयर में घोलकर) का छिड़काव कर सकते हैं.

हल्की बारिश की संभावना के कारण, किसानों को सलाह दी जाती है कि वे सिंचाई और स्प्रे रोक दें.

किसानों को सलाह दी जाती है कि वे खेत में बारिश के पानी के संरक्षण के लिए बांध बनाएं.

बांध ऊंचा और चौड़ा होना चाहिए, ताकि खेत में अधिक वर्षा जल का संरक्षण किया जा सके.

खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए.

कपास

किसान कपास की फसलों में आवश्यकता आधारित रसायन और उर्वरक लगा सकते हैं.

सापेक्षिक आर्द्रता में वृद्धि के कारण कीट-कीट और रोग के हमले में वृद्धि की संभावना है, किसानों को अपने खेतों की नियमित निगरानी करने की सलाह दी जाती है.

बाजरा

बाजरे की फसल में किसान आवश्यकता आधारित रसायन और उर्वरक लगा सकते हैं.

सापेक्षिक आर्द्रता में वृद्धि के कारण कीट और रोग के हमले में वृद्धि की संभावना है. ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे नियमित रूप से खेतों की निगरानी करें.

सब्जियां

बरसात के मौसम में प्याज की रोपाई करनी चाहिए या तैयार खेतों में सीधे बोया जाना चाहिए. भिंडी और बैंगन जैसी सब्जियों की फसलों में फल छेदक कीट के प्रकोप के लिए मौसम अनुकूल है. कीट द्वारा प्रभावित फलों को एकत्र कर नष्ट कर दें और नियमित निगरानी की जानी चाहिए.

पशुपालक विशिष्ट सलाह

दूध देने वाले पशुओं को दूध पिलाने से पहले और बाद में बर्तनों को गर्म पानी से अच्छी तरह साफ करें और साबुन से हाथ धोएं.

पशुओं को सुबह और शाम के समय 50-100 ग्राम खनिज मिश्रण के साथ अच्छी गुणवत्ता वाला चारा खिलाएं. इससे दूध की उत्पादकता बढ़ेगी और पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी.

पशुओं को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त स्वच्छ और ताजा पेयजल उपलब्ध कराएं और पशु चिकित्सा सर्जन के नुस्खे के अनुसार कृमि मुक्ति कार्यक्रम का पालन करें.

गर्म मौसम से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है.

यदि मच्छर, मक्खियाँ आदि बढ़ रहे हैं, तो उनसे होने वाली बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए उचित देखभाल की आवश्यकता है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा के इस जिले में किसानों का पीएम किसान योजना के तहत किया जा रहा पंजीकरण

मछली पालन विशिष्ट सलाह

किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टैंक में पानी की गुणवत्ता अच्छी तरह से बनी हुई है, ताकि अंडे किसी भी कवक उपभेदों से संक्रमित न हों.

किसान प्रेरित प्रजनन शुरू कर सकते हैं.

नौसिखियों के लिए यह समय तालाब बनाने के लिए तैयार करने का है.

मछली के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है.

मधुमक्खी पालन विशिष्ट सलाह

मधुमक्खी पालकों को सलाह दी जाती है कि वे मधुमक्खियों के विकास के लिए संतुलित आहार दें और यदि चारा उपलब्ध न हो तो कृत्रिम चारा (500 मिली पानी + 500 ग्राम चीनी) की व्यवस्था करें.

English Summary: Farmers cultivating paddy, cotton, millet and cattle and fish farmers pay attention... Published on: 12 September 2022, 06:00 PM IST

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