क्या आपने कभी सोचा है कि हवा मे भी खेती कि जा सकती है. इस बात को सुनकर आपको लग रहा होगा कि ये कैसे हो सकता है. लेकिन आपको इस बात को लेकर चौकने कि जरूरत नहीं है. अब जल्द ही हरियाणा और उत्तराखंड समेत देश के बाकी आलू उत्पादक राज्यों के किसान जल्द ही हवा में भी आलू की खेती कर सकेगें.
हवा में खेती करने की इस तकनीक को एयरोपॉनिक्स कहा जाता है. एयरोपॉनिक्स तकनीकी मद्द से आलू कि उत्तपद्कता में लगभग 7 गुना बढ़ोतरी हो जाएगी. हाल मे ही रोहतक मे हुए तीन दिवसीय थर्ड एग्री लीडरशिप सम्मेलन एयरोपॉनिक्स तकनीक के लिए करनाल बागबानी विभाग के अंतर्गत आने वाले अनुसंधान केंद्र और पेरू की राजधानी लीमा में स्थित अंतर्राष्ट्रीय आलू अनुसांधान केंद्र ने MOU के मौसौदे पर साइन किए है. साल 2019 मे हरियाणा सरकार इस तकनीकी का इतेमाल करेगी.
एयरोपॉनिक्स तकनीक (Aeroponic Farming)
एयरोपॉनिक्स तकनीक कि मदद से बिना मिट्टी कि फ़सले उगाई जताई है. इस विधि में बड़े-बड़े बक्सों मे आलू के पौधो को लटका दिया जाता है. सभी पौधो में समय-समय पर उपयुक्त पोषक तत्व और पानी देते रहते है. जिससे पौधो कि जड़ो में आवश्यक नमी बनी रहती है. कुछ दिन बाद ही पौधो मे फल आने लगते है. बता दे समान्य तौर पर आलू के एक पौधे से 5-7 आलू पैदा होते है लेकिन इस तकनीकी से एक पौधे में 70 आलू तक पैदा हो जाते है.
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एयरोपॉनिक्स तकनीक को मिली मंजूरी (Aeroponics technology approved)
श्यामगढ़ स्थित आलू अनुसंधान केंद्र के उपनिदेशक डॉ. सत्येंद्र यादव बताया कि इसी वित्तीय साल में ही इस तकनीकी को चालू करने का प्रावधान है. केंद्र सरकार ने भी इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है.
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