विश्व बांस दिवस के मौके पर झारखंड की उपराजधानी दुमका में 18 और 19 सितंबर को राष्ट्रीय बांस कारीगर मेले का आयोजन किया जा रहा है. इस बांस मेले में 10 प्रांत और कुल छह देशों के विभिन्न उद्यमी इसमें भाग लेंगे. इस मेले का उद्घाटन केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और राज्य की राज्यपाल द्रौपदी मूर्मु करेंगी. इस मेले को लघु एवं कुटी उद्योग विकास बोर्ड एवं उद्योग विभाग की ओर से आयोजित किया जा रहा है. यहां पर समापन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास कारीगरों को सरकार की भावी योजना और प्रोत्साहन नीति से अवगत करवाएंगे. इस मेले में झारखंड सरकार की बांस कारीगरों को लेकर बनाई गई. नई नीति को भी लांच किया जाएगा.
बांस के सामान की मांग
इस बांस मेले का आयोजन ग्रीन इकोनॉमी के उद्देश्य से किया गया है. यहां पर बांस करीगरों की संख्या लगभग 6 लाख तक है जिसमें अकेले दो लाख दुमका से ही है. बता दें कि इन हुनरमंद कारीगरों के हाथों से बनाए गए सारे समानों की देश और विदेश में काफी मांग है. साथ ही इस मेले में पांच हजार शिल्पकारों को किट भी दी जाएगी.
बांस की होगी प्रदर्शनी
बांस मेले में बांस आधारित उद्योग और क्राफ्ट को बदलते जमाने के हिसाब से बदलने का लाइव प्रेजेंटेशन किया जाएगा. इसके अलावा बांस प्रोसेसिंग प्लांट की प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी. इसमें कुल 20 तरह के बांसों का प्रदर्शन करके कारीगरों को इसके बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी. बता दें कि हाल ही में शिल्प समेत बांस के उत्पाद को वैश्विक बाजार को उपलब्ध कराने के लिए फिल्पकार्ट से करार किया है.
बांस उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा
झारखंड राज्य के पास 4 हजार 470 वर्ग किलोमीटर में बांस की खेती है. इस खेती को तरीके से करने की जरूरत है. भारत में अगरबत्ती स्टिक, आइसक्रीम स्पून, कुल्फी सिटक्स को आयात किया जाता है. सरकार की मंशा है कि बांस से बने उत्पादों का आयात नहीं, बल्कि भारत से इसका निर्यात किया जाएगा. वही भारत से केवल दीपावली के पर्व पर दो करोड़ का बंबू गिफ्ट पैकेट का आयात किया जाएगा.
मेला में सरकार बांस की खेती, उसके प्रोसेसिंग यूनिट और उत्पाद को वैश्विक बाजार के लायक लाने के लिए नीति की लॉन्चिंग की जाएगी. बांस की नर्सरी का डेमसोट्रेशन किया जाएगा. यहां भी कार्ड का वितरण होगा और टूल किट भी बांटे जाएंगे. यहां पर आमंत्रित उद्यमियों को यह आश्वस्त किया जाएगा कि उनके उत्पाद को बाजार मिलेगा और आने वाले 2022 तक आय दुगनी हो जाएगी.
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