देश की राजधानी दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. इसी कड़ी में एक और बड़ी खबर सामने आई है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab-Uttar Pradesh Assembly Election) के लिए किसान संगठनों (Farmers Orgnisations) ने अपनी कमर कस ली है. दरअसल भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisaan Union) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) द्वारा संकेत दिया है कि किसान नेता भी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं.
आगे की रणनीति पर विचार
मीडिया से बातचीत करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सितंबर में एक बैठक मुजफ्फरनगर में होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार के पास बातचीत करने के लिए 2 महीने का समय है. बता दें कि इस महापंचायत में हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश से किसान आएंगे, जो कि आगे की रणनीति पर विचार करेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि अगर अगस्त में महापंचायत से पहले सरकार बातचीत कर सकती है. आगे उन्होंने कहा कि यह पंचायत संयुक्त किसान मोर्चा की होगी, भारतीय किसान यूनियन की नहीं.
बड़ी पंचायत होगी
किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि हम बड़ी पंचायत करेंगे और इससे आगे की बातचीत संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा की जाएगी. इसके बाद एक चैप्टर खत्म हो जाएगा और आगे की की बात मुजफ्फरनगर की जमीन पर तय होगी.
'जो वोट देते हैं, वह चुनाव लड़ सकते हैं
विधानसभा चुनाव लड़ने की बात पर राकेश टिकैत ने कहा कि चुनाव लड़ना क्या कोई गलत है, हम क्या वोट नहीं देते. उनका कना है कि अगर हम वोट देते हैं और चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है? मगर राकेश टिकैत ने साफ कहा है कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा. मगर मुजफ्फरनगर से सितंबर में एक नई क्रांति की शुरुआत की जाएगी.
(खेती संबंधी और आधिक जानकारी के लिए कृषि जागरण की हिंदी वेबसाइट पर विजिट करें.)
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