देश में आये मानसून ने किसानों के चेहरे तो खिला दिए है वहीँ कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने देश के सभी किसानों को रबी की तैयारी के लिए सभी राज्यों के कृषि मंत्रियों और सचिवों दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया है. इस बैठक में किसानों को रबी के मुख्य सभी फसलों दलहन और तिलहन के उत्पादन और राज्य में उर्वरक, कीटनाशक, बीज की पर्याप्त वयवस्था जैसे मुख्य तथ्यों के ऊपर में चर्चा की जाएगी.
इन्हीं उम्मीदों के बीच केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने सभी राज्यों को इसकी तैयारियों को समय से अंजाम देने के लिए आगाह कर दिया है. महीने भर पहले ही सभी राज्यों को अपनी तैयारियों के लिए जरूरी वस्तुओं की आवश्यकता की सूची तैयार करने और उसे पूरा करने का हिदायत दी गई है.
सम्मेलन के लिए तैयार एजेंडा में दलहन की पैदावार को बढ़ाने की रणनीति पर विचार होगा। इसमें धान की कटाई के बाद लाखों हेक्टेयर जमीन परती छोड़ दी जाती है, जो अगले सीजन तक खाली पड़ी रहती है. जिन राज्यों में इस तरह की परती जमीन छोड़ी जाती है, उन्हें पर्याप्त मदद मुहैया कराई जाएगी, ताकि उन्हें दलहन फसलों की बुवाई हो सके. ऐसी जगहों पर स्थित कृषि विज्ञान केंद्रों को पहले से ही सचेत कर दिया गया है, जिससे वहां दलहन की बुवाई का बंदोबस्त करने से किसान न हिचके.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में दलहन को काफी जोर देने पर विचार किया जाएगा. फसलों के बीच में तिलहन की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अपनी आधुनिक तकनीक को सम्मेलन में राज्यों के समक्ष रखेगा, ताकि किसान उसका फायदा उठा सकेंगे.
मिट्टी की उर्वरता, खेतों में संतुलित खाद का प्रयोग, उन्नत बीज और कीटनाशकों की उपलब्धता पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. पहले दिन केंद्रीय कृषि आयुक्त अपनी ओर से एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. इसके बाद राज्यों के सचिवों का समूह गठित किया जाएगा, जो विभिन्न फसलों पर चर्चा कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
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