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इस तकनीकि के कारण 1 साल में छह बार कटेगी गेहूं और चने की फसल...

किसान भाइयों यह खबर यकीनन हैरान कर देने वाली है. वैज्ञानिकों के द्वारा एक ऐसी तकनीकि खोज ली गई है, जिसके कारण आप साल में 6 बार गेहूं, सफ़ेद चना और जौ की फसल प्राप्त सकतें हैं. इस तकनीकि पर काम भी किया जा चुका है. यह तकनीक नासा के उस प्रयोग से आई है, जि‍समें अंतरि‍क्ष में गेहूं उगाने की कोशि‍श की जा रही है।

किसान भाइयों यह खबर यकीनन हैरान कर देने वाली है. वैज्ञानिकों के द्वारा एक ऐसी तकनीकि खोज ली गई है, जिसके कारण आप साल में 6 बार गेहूं, सफ़ेद चना और जौ की फसल प्राप्त सकतें हैं. इस तकनीकि पर काम भी किया जा चुका है. यह तकनीक नासा के उस प्रयोग से आई है, जि‍समें अंतरि‍क्ष में गेहूं उगाने की कोशि‍श की जा रही है।

नासा के इसी एक्‍सपेरि‍मेंट से यह  आइडि‍या मि‍ला, जि‍सके इस्‍तेमाल से फसलों का उत्‍पादन तीन गुना तक बढ़ाया जा सकता है।  यह तकनीक रेगुलर यूज में आने लगी तो हमारी बहुत बड़ी समस्‍या का हल नि‍कल जाएगा क्‍योंकि‍ एक अनुमान के मुताबि‍क, दुनि‍या को वर्ष 2050 में मौजूदा प्रोडक्‍शन से 60 से 80 फीसदी ज्यादा अनाज पैदा करना होगा। 


यूनिवर्सि‍टी ऑफ क्‍वींसलैंड (UQ)  के सीनि‍यर रि‍सर्च फैलो ली हिक्‍की ने कहा, हमने सोचा कि क्‍यों न हम नासा की इस तकनीक का यूज धरती पर तेजी से पौधे उगाने के  लि‍ए करें। इस तरह से हम पौधों के ब्रीडिंग प्रोग्राम को तेज कर देंगे। नासा ने अंतरि‍क्ष में गेहूं उगाने का जो प्रयोग कि‍या था उसमें गेहूं पर लगातार रोशनी रखी गई, ताकि पौधे तेजी से बीज बनाने का काम शुरू कर दें।  


उन्‍होंने कहा कि खासतौर से बनाए गए ग्‍लासहाउस में  तेजी से ब्रीडिंग करने की इस तकनी की बदौलत गेहूं, सफेद चना और जौ की एक साल में छह बार खेती हो सकती है वहीं अन्‍य कुछ प्‍लांट की खेती 4 बार की जा सकती है। ये ग्‍लासहाउस सामान्‍य से काफी अलग होता है। उन्‍होंने कहा कि‍ हमारे प्रयोग में यह बात सामने आई है कि‍ नि‍यंत्रि‍त मौसम में पौधों को लंबे समय तक रोशनी में रखने से पौधों की जो ग्रोथ हुई वह काफी अच्‍छी रही और कभी कभी तो सामान्‍य ग्‍लासहाउस में उगाए जाने वाले पौधों से भी बेहतर रही। 

English Summary: Due to this technique, wheat and gram crops cut by six times in 1 year ... Published on: 05 January 2018, 02:53 AM IST

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