लॉकडाउन के कारण किसानों के मुरझाए चेहरे, 300 करोड़ के कारोबार पर दिखा असर
लॉकडाउन के कारण गेंहू की फसल को तो किसानों को प्रदेश में अच्छा दाम मिल रहा है और वे काफी राहत महसूस कर रहे हैं. लेकिन मध्यप्रदेश में फूलों की फसल लेने वाले किसान काफी निराश हैं. कई किसानों की फूलों की फसल खेतों में ही खराब हो गई है और उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, प्रदेश से अधिकांश फूलों का निर्यात किया जाता है. लेकिन इस समय लॉकडाउन के कारण ऐसा नहीं हो सका है. इस कारण प्रदेश में करीब 250 से 300 करोड़ रुपए का फूलों का कारोबार प्रभावित हुआ है. इतना ही नहीं, इस धंधे से जुड़े कई लोग भी बेरोजगार हो गए हैं. उनके सामने भयंकर आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है. ज्यादातर खेतों में फूल मुरझा गए हैं और मंदिर बंद होने से बिक्री पूरी तरह से ठप्प पड़ गई है. एक फूल कारोबारी ने कृषिजागरण से बातचीत में कहा कि देश में फूलों की खेती का कारोबार लगभग 1500 से 2000 करोड़ रुपय तक का है. इस कारोबार में फायदा देख, अब कुछ युवा वर्ग भी इसमें निवेश कर रहा है और यही कारण है कि भारत में हर साल 20 प्रतिशत की दर से यह कारोबार बढ़ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में फूलों की खेती में मध्यप्रदेश का योगदान बहुत अधिक है और फूलों की खेती में एमपी देश के 5 टॉप राज्यों में शामिल है.
लॉकडाउन के कारण गेंहू की फसल को तो किसानों को प्रदेश में अच्छा दाम मिल रहा है और वे काफी राहत महसूस कर रहे हैं. लेकिन मध्यप्रदेश में फूलों की फसल लेने वाले किसान काफी निराश हैं. कई किसानों की फूलों की फसल खेतों में ही खराब हो गई है और उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, प्रदेश से अधिकांश फूलों का निर्यात किया जाता है. लेकिन इस समय लॉकडाउन के कारण ऐसा नहीं हो सका है. इस कारण प्रदेश में करीब 250 से 300 करोड़ रुपए का फूलों का कारोबार प्रभावित हुआ है. इतना ही नहीं, इस धंधे से जुड़े कई लोग भी बेरोजगार हो गए हैं. उनके सामने भयंकर आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है. ज्यादातर खेतों में फूल मुरझा गए हैं और मंदिर बंद होने से बिक्री पूरी तरह से ठप्प पड़ गई है. एक फूल कारोबारी ने कृषिजागरण से बातचीत में कहा कि देश में फूलों की खेती का कारोबार लगभग 1500 से 2000 करोड़ रुपय तक का है. इस कारोबार में फायदा देख, अब कुछ युवा वर्ग भी इसमें निवेश कर रहा है और यही कारण है कि भारत में हर साल 20 प्रतिशत की दर से यह कारोबार बढ़ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में फूलों की खेती में मध्यप्रदेश का योगदान बहुत अधिक है और फूलों की खेती में एमपी देश के 5 टॉप राज्यों में शामिल है.
किसानों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण फसल समय पर नहीं बिकी और इसके बाद मौसम की मार ने इस कारोबार से जुड़े लोगों की कमर ही तोड़ दी है. किसानों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से शादियां नहीं हो रही है, जबकि इस सीजन में लगभग 50 क्विंटल के आसपास रोजाना फूलों की बिक्री हो जाया करती थी. किसान भाइयों का कहना है कि लॉक़डाउन में मंडिया और खुदरा दुकाने बंद होने और विवाह सीजन में फूलों की मांग प्रभावित होने से बुरी हालत हो गई है. अब किसानों को दीपावली के आसपास फिर से इस कारोबार में तेजी आने की उम्मीद है.
English Summary: Due to Lockdown Rupees 300 crore flowers business affectedPublished on: 14 May 2020, 12:27 PM IST
कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!
प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।
Share your comments