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डॉ. मांगी लाल जाट ने संभाला ICAR महानिदेशक व डेयर सचिव का पद, भारतीय कृषि अनुसंधान में नए युग की उम्मीद

डॉ. मांगी लाल जाट ने भाकृअनुप के महानिदेशक और डेयर के सचिव का पदभार संभाला. वे सतत कृषि, जलवायु-अनुकूल खेती और नवाचार में विशेषज्ञ हैं. उनकी नियुक्ति से कृषि अनुसंधान में नई दिशा मिलेगी. वैज्ञानिकों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और नई उम्मीदें जताई हैं.

KJ Staff
डॉ. मांगी लाल जाट ने सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, ICAR का कार्यभार संभाला (Image Source: PIB)
डॉ. मांगी लाल जाट ने सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, ICAR का कार्यभार संभाला (Image Source: PIB)

भारत के कृषि अनुसंधान एवं नवाचार दृष्टिकोण को नई उंचाई तक ले जाने हेतु डॉ. मांगी लाल जाट, प्रतिष्ठित कृषि विज्ञानी, ने आज कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर) के सचिव तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) के महानिदेशक (डीजी) का पदभार ग्रहण किया है. संघ कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने 17 अप्रैल को जारी अपनी अधिसूचना में डॉ. जाट को तीन साल की अवधि के लिए डेयर का सचिव एवं भाकृअनुप का महानिदेशक नियुक्त किया है.

इससे पहले वे हैदराबाद स्थित इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (आईसीआरआईएसएटी) में उप-महानिदेशक (अनुसंधान) तथा वैश्विक अनुसंधान कार्यक्रम के निदेशक के पद पर कार्यरत थे.

डॉ. जाट सतत कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में विश्व स्तर पर सम्मानित व्यक्ति रहे हैं जो कृषि विज्ञान, जलवायु-अनुकूल कृषि के साथ संरक्षित कृषि में 25 वर्षों से अधिक का वृहद अनुभव रखते हैं. उनकी नियुक्ति से भाकृअनुप के व्यापक कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर नवाचार, संधारणीयता एवं किसान-केन्द्रित अनुसंधान को गति मिलने की उम्मीद है.

भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली के पूर्व छात्र, डॉ. जाट ने वर्षा आधारित बाजरा फसल में मृदा नमी संरक्षण की विशेषज्ञता- शुष्क क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र जैसे विषय परकृषि विज्ञान में पीएचडी की है. उनके अग्रणी शोध ने एशिया और अफ्रीका महादेश में छोटे किसानों के लिए सतत गहनता की रणनीतियों को नया आकार दिया जिससे खाद्य प्रणाली के जलवायु अनुकूल उत्पादन हेतु वैश्विक प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

350 से अधिक सहकर्मी-समीक्षित प्रकाशनों के प्रभावशाली पोर्टफोलियो के साथ, डॉ. जाट ने आईसीआरआईएसएटी, अंतर्राष्ट्रीय मक्का एवं गेहूं सुधार केद्र (CIMMYT), अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) में प्रमुख नेतृत्वकर्ता के रूप में सेवा दिया है, इसके अलावा, भाकृअनुप में सिस्टम एग्रोनॉमिस्ट के रूप में 12 वर्षों तक कार्य किया है. उनके द्वारा जलवायु-स्मार्ट प्रौद्योगिकियों, पुनर्योजी कृषि पद्धतियों तथा कृषि में डिजिटल नवाचारों के समर्थन से महाद्वीपों में कृषि नीतियों एवं प्रथाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव देखने को मिला है.

डॉ. जाट की कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में, प्रमुख के रूप में भूमिका रहा हैं-जिनमें संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ प्रिसिजन एग्रीकल्चर (आईएसपीए) शामिल हैं. नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज (एनएएएस) के फेलो के रूप में अपने करियर के दौरान उन्हें कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया जिसमें कृषि अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए भाकृअनुप की सर्वोच्च मान्यताओं में से एक रफी​​ अहमद किदवई पुरस्कार शामिल है.

इस दोहरी नेतृत्व वाली भूमिका में कदम रखते हुए, डॉ. जाट जलवायु परिवर्तन, मृदा क्षरण और खाद्य प्रणाली में परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए भाकृअनुप के मार्गदर्शन हेतु अग्रसर हैं. उनका दृष्टिकोण सतत विकास, सटीक खेती एवं अपनी विशाल आबादी के लिए पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप है. डॉ. जाट की नियुक्ति को वैज्ञानिक समुदाय द्वारा भव्य स्वागत किया जा रहा है, साथ ही भारतीय कृषि अनुसंधान में परिवर्तनकारी फेज की उम्मीद जताई जा रही है.

English Summary: Dr Mangi Lal Jat takes over as Secretary DARE and Director General ICAR Published on: 21 April 2025, 02:02 PM IST

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