उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) में मिर्च मसालों की खेती व औषधि पौधों के इस्तेमाल पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 'स्पाइसकॉन-2019' होने जा रहा है. इस सम्मेलन में अमेरिका, मलेशिया, साउथ अफ्रीका, थाईलैंड, श्रीलंका व जॉर्जिया समेत 10 देशों के कृषि वैज्ञानिक औषधि पौधों की की खेती व इसके इस्तेमाल को लेकर अपने शोध प्रस्तुत करेंगे. गौरतलब है कि 21 से 23 नवंबर तक चलने वाले इस सम्मेलन में, भारत में होने वाली मिर्च मसालों की खेती व इसके बदलते तरीकों पर विशेष सत्र होंगे.
बता दे कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में साउथ अफ्रीका से डॉ. योगाश्री नायडू, थाईलैंड से डॉ. आर साराना चिएंग माय, एस सोमानो चिएंग माय, डॉ. डेलफिन लेरोउसा, यूएसए से वी. कश्यप, मलेशिया से एफ. अहमद, जॉर्जिया से टी कैचर्वा, श्रीलंका से प्रो. संदुन सेनेराथ अपने शोध व अनुभव व्यक्त करने के साथ उपस्थित छात्र छात्राओं को व्याख्यान भी देंगे. इसके अतिरिक्त स्लोवाकिया, ईरान, ब्राजील व इंडोनेशिया से भी वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए आ रहे हैं. सम्मेलन सचिव डॉ. डीपी सिंह के मुताबिक विदेशों में औषधि पौधों से बनने वाली दवाइयों पर अभीतक बहुत शोध कार्य हुआ है. इन्हीं सभी रिसर्च के मद्देनजर पौधों के अर्क से बनायी जाने वाली दवाइयों पर विशेष व्याख्यान होंगे. इसके अलावा भारत में दिल्ली, चेन्नई, अलीगढ़, बंगलुरू, तिरुवनंतपुरम व उत्तराखंड से भी वैज्ञानिक इस सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं. सम्मेलन में शिरकर करने वाले सभी लोग हमारे देश में पैदा होने वाले मिर्च मसालों की खेती के बारे में बताएंगे.
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