किसानों को अपनी उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कृषि सम्बंधित जानकारी अति आवश्यक है. ऐसे में कृषि संबंधी सहायता प्रदान करने हेतु अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, वैश्विक कृषि कंपनी कोर्टेवा एग्री-साइंस ने एक एकीकृत किसान जुड़ाव कार्यक्रम 'उदयण-तरक्की का नया सवेरा' शुरू किया है.
जिसके तहत किसानों को कृषि सम्बंधित सभी जानकारियाँ दी जाएंगी. कोर्टेवा का यह उदयन कार्यक्रम ग्राहकों और चैनल भागीदारों के साथ संबंध स्थापित करने और विकसित करने पर केंद्रित है. किसानों को सशक्त बनाने और उनके लिए समृद्धि लाने के उद्देश्य से आयोजित किया जाएगा.
यह कार्यक्रम खरीफ सीजन के फसल चक्र के पूर्व बुवाई से लेकर कटाई तक की सभी जानकारी किसानों तक पहुँचाएगा. इसका उद्देश्य धान पर ब्राउन प्लांट हॉपर (बीपीएच) के खतरे से बचाना और इसको लेकर किसानों को जागरूक करना है. बीपीएच कीट प्रबंधन करने के लिए विज्ञान आधारित और टिकाऊ समाधान समय पर किया जाए, और ताकि उपज में 10% की वृद्धि हो.
कोर्टेवा ने पेक्सलॉन के मौजूदा उपयोगकर्ताओं को शामिल करने, नए उपयोगकर्ताओं को जोड़ने और बीपीएच संक्रमण के खिलाफ अपनी लड़ाई में पूरे भारत में धान की खेती कर रहे किसानों को एकजुट करने के लिए केंद्रित संचार और तकनीकी समाधान पेश किया है.
'किसान कनेक्ट ऐप' की मदद से नकली और 'वास्तविक उत्पाद' के बीच अंतर करने के लिए Corteva उत्पादों पर लगे QR कोड को स्कैन कर उसकी पहचान कर सकते हैं, साथ ही धान की खेती कर रहे किसानों के साथ जुड़ सकते हैं और दूसरों को Pexalon (पेक्सलोन) का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं.
उदयण कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद से 4 महीने की अवधि में, कोर्टेवा ने विभिन्न फसल संरक्षण और देखभाल के तहत 10 लाख एकड़ से अधिक खेतों को तैयार किया है. वहीं, 1.13 लाख से अधिक किसान ऐप के माध्यम से जुड़े रहे हैं और हजारों खेतों की तस्वीरें साझा की जा रही हैं. लाखों किसानों ने सोशल मीडिया पर बातचीत की और बेहतर फसल सुरक्षा उत्पादों का उपयोग भी करना सीखा है.
किसान कनेक्ट ऐप के माध्यम से सभी जमीनी गतिविधियों को डिजिटल कार्यक्रम के साथ जोड़ने के लिए एक मजबूत अभियान चलाया है. सभी को एक विस्तृत और जरुरी सामग्री प्रचार अभियान (Under Marketing) के माध्यम से वितरित किया गया.
कार्यक्रम पर अपना अनुभव साँझा करते हुए, गुरप्रीत भट्ठल, मार्केटिंग डायरेक्टर, कोर्टेवा एग्रीसाइंस साउथ एशिया ने कहा, "कॉर्टेवा कल की चुनौतियों का अनुमान लगाते हुए आज किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए विज्ञान-कृषि यंत्र को विकसित करने की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारा लक्ष्य किसानों की मदद के लिए उत्पाद और सेवाएं प्रदान करना है.
संसाधनों का संरक्षण और भूमि को बनाए रखते हुए हमारी खाद्य प्रणाली की मांग है. इस प्रतिबद्धता के अनुरूप, हमारा 'उदयण' कार्यक्रम किसान समुदाय को टिकाऊ फसल सुरक्षा उत्पादों का उपयोग करने के लिए शिक्षित करेगा, जो उत्पादकों को सशक्त बनाते हुए उनकी फसल की सटीकता के साथ रक्षा करता है."
खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा दिए गये आकड़ों के मुताबिक, सालाना 40% तक खाद्य फसलें पौधों के कीटों और रोगों के कारण नष्ट हो जाती हैं. प्रमुख कारणों में से एक फसल सुरक्षा का कम उपयोग है. भारत में धान की खेती कर रहे किसान कीटों के हमलों के कारण फसल गुणवत्ता और उपज की मात्रा में कमी से जूझ रहे हैं.
विशेष रूप से 'ब्राउन प्लांट हॉपर (बीपीएच), जो उत्पादन को 30% और 70% के बीच की कमी को पैदा कर देता है. उदयण कार्यक्रम के माध्यम से, कोर्टेवा का उद्देश्य पारिस्थितिक, आर्थिक और सामाजिक पहलुओं को पूर्ण रूप से स्पष्ट बनाना और चावल उत्पादकों और कृषि भूमि को लाभ सुनिश्चित करना है.
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