आगामी वर्ष 2022 में किसानों की आय दोगुनी होती है या नहीं, यह तो फिलहाल भविष्य के गर्भ में छुपा है, लेकिन वर्तमान में अभी चीन द्वारा जिस तरह का फैसला लिया गया है, उससे हमारे भारतीय किसान मायूस हैं. उनकी खेती-किसानी पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. किसानों के चेहरों पर गमों ने अपना पेहरा बैठा दिया है. जुबां खामोश हो चुके हैं, तो दिल में शिकवों का दरिया बह रहा है, लेकिन अफसोस भारतीय किसान खुद को लाचार महसूस कर रहे हैं.
अब ऐसे में भारत सरकार किसानों की बेहतरी के लिए क्या कुछ कदम उठाती है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन सबसे पहले यह जान लीजिए कि आखिर चीन ने ऐसा कौन-सा कदम उठाया है, जिससे हमारे किसान भाई मायूस हैं? पढ़िए हमारी यह खास रिपोर्ट
चीन ने लिया ऐसा फैसला
चीन ने उर्वरक के निर्यात पर रोक लगा दी है. चीन का कहना है कि उसकी घरेलू मांग पूरी नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से यह फैसला लिया गया है. वहीं, चीन सरकार के उक्त फैसले से भारतीय किसान इसलिए चिंतित हैं, क्योंकि हमारे यहां के किसान खेती में इस्तेमाल होने वाले सबसे ज्यादा उर्वरक अगर किसी से प्राप्त करते हैं, तो वो चीन है. उधर, अब चीन ने घरेलू आपूर्ति में बाधा आने की वजह से उर्वरक के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया है, तो ऐसे में भारतीय किसानों की चिंता लाजिमी है.
क्या चीन के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है?
अब आपके जेहन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या भारतीय किसानों के पास चीन के इतर उर्वरक प्राप्त करने के लिए कोई और विकल्प नहीं है क्या? बिल्कुल...आपके जेहन में उठ रहा यह सवाल स्वाभाविक है, लेकिन आपकी जानकारी के लिए आपको बताते चले कि विश्व का 40 फीसद उर्वरक अगर कोई देश उत्पादन करता है तो वो चीन है. इसके इतर भारत हमेशा से चीन से काफी मात्रा में उर्वरक प्राप्त करता हुआ आया है. इस बीच कई ऐसे मौके भी आए, जब दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आई, लेकिन भारत उर्वरक की प्राप्ति के लिए हमेशा चीन पर ही निर्भर रहा.
पढ़िए इकरा का बयान
वहीं, चीन के इस फैसले पर रेटिंग एजेंसी इकरा ने बयान जारी कर कहा कि भारतीय किसान अब विकल्प विहीन महसूस कर सकते हैं, क्योंकि चीन दुनिया का सबसे बड़ा उर्वरक उत्पादक देश है. प्रति वर्ष यहां 31 फीसद यूरिया व 42 फीसद डीएपी खाद का उत्पादन होता है. एक आंकड़े के मुताबिक, भारत चीन से 29 फीसद यूरिया और 29 फीसद डीएपी खाद आयात करता है.
महंगी होगी उर्वरक की कीमत
चीन के इस फैसले का असर अंतरराष्ट्रीय बाजार पर पड़ेगा. चीन के इस फैसले से मौजूदा उर्वरक की कीमत में इजाफा होना तय है. जाहिर है कि चीन को छोड़कर वे सभी लोग जो किसानों को उर्वरक मुहैया करा रहे हैं, वे अपनी कीमतों में इजाफा करेंगे. अब ऐसे में सरकार किसानों की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए आगे क्या कुछ कदम उठाती है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा. तब तक के लिए आप कृषि क्षेत्र से जुड़ी हर बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए...कृषि जागरण.कॉम
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