देश की मंडियों में नए गेहूं ने दस्तक दे दी है. इसके साथ ही सरकार ने भी गेहूं की खरीद शुरू कर दी है. ऐसे में गेहूं की जमाखोरी और सट्टेबाजी न हो, इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. केंद सरकार ने एक आदेश जारी कर इस बात की घोषणा की है. सरकार ने घोषणा की है की सभी खुदरा और थोक व्यापारियों को 1 अप्रैल से अपने स्टॉक की स्थिति ऑनलाइन पोर्टल पर घोषित करनी होगी. आदेश में कहा गया है कि अगला आदेश आने तक व्यापारियों को हर शुक्रवार को स्टॉक की स्थिति अपडेट करनी होगी.
इन पर लागू होगा ये आदेश
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के मुताबिक, गेहूं और चावल के स्टॉक पर सख्त नजर रखी जा रही है, ताकि कीमतों को नियंत्रित किया जा सके और देश में उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके. इस आदेश को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के व्यापारियों/थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसरों को मानना होगा.
इसके साथ ही सभी संबंधित कानूनी संस्थाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि https://evegoils.nic.in पोर्टल पर स्टॉक का नियमित और सही ढंग से खुलासा किया जाए. आदेश में कहा गया है कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में संस्थाओं के लिए गेहूं स्टॉक सीमा 31 मार्च को समाप्त हो रही है. इसके बाद, संस्थाओं को पोर्टल पर गेहूं के स्टॉक का खुलासा करना होगा.
चावल के स्टॉक का भी करना होगा खुलासा
सभी श्रेणियों की संस्थाओं द्वारा चावल स्टॉक की घोषणा पहले से ही की जा रही है. कोई भी संस्था जो पोर्टल पर पंजीकृत नहीं है, वह खुद को पंजीकृत कर सकती है और प्रत्येक शुक्रवार को गेहूं और चावल के स्टॉक का खुलासा करना शुरू कर सकती है. आदेश में कहा गया है कि अब सभी संस्थाओं को अपने गेहूं और चावल के स्टॉक को पोर्टल पर नियमित रूप से घोषित करना होगा.
दिसंबर 2023 में केंद्र ने गेहूं भंडारण की सीमा में संशोधन किया था. खुदरा विक्रेताओं के लिए प्रत्येक खुदरा दुकान के लिए संशोधित सीमा 10 MT टन से घटाकर 5 MT टन कर दी गई. बिग चेन रिटेलर्स को अपने प्रत्येक आउटलेट के लिए 5 MT टन और अपने सभी डिपो पर 1,000 MT टन स्टॉक रखने की अनुमति दी गई थी. पहले यह क्रमशः 10 MT टन और 2000 MT टन था. सरकार ने कहा था कि अगर संस्थाओं के पास स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर इसे निर्धारित स्टॉक सीमा में लाना होगा.
बढ़ती खाद्य महंगाई के बीच उठाया कदम
हालिय कदम बढ़ती खाद्य महंगाई दर के बीच उठाया गया है. इस महीने राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि हालांकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर जनवरी में 5.10% से फरवरी में थोड़ी कम होकर 5.09% हो गई, लेकिन खाद्य महंगाई में बढ़ोतरी से यह नरमी बेअसर हो गई. फरवरी में दर पिछले महीने के 8.3% से बढ़कर 8.7% हो गई.
Share your comments