प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार ने अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया. इस बजट में केंद्र सरकार ने सभी वर्गों को सौगात देकर खुश करने की पूरी कोशिश की है. इस बजट में किसानों, मजदूरों के लिए कईं बड़े ऐलान किए गए. लेकिन इस बजट को सियासी जगत में चुनावी बजट कहा जा रहा है. गौरतलब है कि इस बजट में किसानों के लिए कई बड़े ऐलान होने की उम्मीद की जा रही थी. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने भी बजट पेश करने के दौरान किसानों को निराश न करते हुए उनके लिए कुछ बड़ी घोषणाएं की.
सरकार द्वारा किसानों के लिए सौगात की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसानों के लिए 'प्रधानमंत्री किसान योजना' द्वारा देश के छोटे किसान जिनके पास 5 एकड़ तक जमीन है, उन किसानों के खाते में हर साल 6 हजार रुपये सरकार द्वारा भेजे जाएंगे. ये रकम 3 किस्तों में किसानों के बैंक खातों में जाएगी.
केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि कृषि मंत्रालय को इस योजना से जुड़े सारे निर्देश दे दिए है. इसकी मार्च तक पहली किश्त (2 हजार) किसानों के खाते में पहुंच जाएगी.
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वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना से तकरीबन 12 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा. इस योजना पर लगभग 75 हजार करोड़ से ज्यादा पैसा खर्च होगा। उन्होंने यह भी कहा कि "किसानों के कल्याण और उनकी आय दोगुनी करने के लिए हमारी सरकार ने यह ऐतिहासिक फैसला किया है और 22 महत्वपूर्ण फसलों का न्यूनत समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1.5 गुना बढ़ाने का भी फैसला सरकार ने लिया है.
तीन राज्यों में मिली विधानसभा चुनावों की हार के बाद बीजेपी से यह उम्मीद की जा रही थी कि ये बजट में किसानों को एक बड़ी सौगात देकर किसानों को खुश करने की कोशिश करेगें.'क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया' (सीसीएफआई) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने भी कहा था कि कृषि क्षेत्र में अपने निवेश को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार द्वारा लिए गए अहम फैसलों से कृषि क्षेत्र में कई बदलाव हुए है और आगे आने वाला बजट किसानों को समर्पित होगा.
मनीशा शर्मा, कृषि जागरण
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