1. Home
  2. ख़बरें

Black Wheat Farming: यूपी के किसान ने पहली बार उगाया काला गेहूं, काले-सफेद रंग के आटे से रोटियां बनेंगी गुलाबी

कई किसानों के खेतों में काले रंग का गेहूं लहलहाता दिखाई देने लगा है. उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में पहली बार किसानों ने काले गेहूं की खेती की है. इस किस्म को 7 सालों की मेहनत के बाद विकसित किया गया है. ज्यादातर किसान रबी सीजन में गेहूं की खेती करते हैं. इसकी खेती में कई उन्नत किस्मों की बुवाई की जाती है. वैज्ञानिकों द्वारा विकसित काले गेहूं की खेती न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाएगा, बल्कि लोगों को कई गंभीर बीमारियों से भी बचाएगा. पहली बार यूपी में किसान इस गेहूं की खेती कर रहे हैं.

कंचन मौर्य
Black Wheat
Black Wheat

कई किसानों के खेतों में काले रंग का गेहूं लहलहाता दिखाई देने लगा है. उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में पहली बार किसानों ने काले गेहूं की खेती की है. इस किस्म को 7 सालों की मेहनत के बाद विकसित किया गया है. 

ज्यादातर किसान रबी सीजन में गेहूं की खेती करते हैं. इसकी खेती में कई उन्नत किस्मों की बुवाई की जाती है. वैज्ञानिकों द्वारा विकसित काले गेहूं की खेती न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाएगा, बल्कि लोगों को कई गंभीर बीमारियों से भी बचाएगा. पहली बार यूपी में किसान इस गेहूं की खेती कर रहे हैं.मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो बदायूं जिले के तहसील बिसौली के गांव मोहम्मदपुर में किसान नरेश कुमार शर्मा ने काले गेहूं की खेती की है. किसान ने आधा बीघा खेत से 2 क्विंटल काले गेहूं की फसल प्राप्त की है.  

गेहूं पिसवाने के बाद आटे का रंग (Color of flour after grinding wheat)

जब किसान ने काले गेहूं को पिसवाया, तो आटे का रंग काला और सफेद हो गया और इस आटे की रोटियां गुलाबी रंग की बनकर तैयार हुई हैं. किसान नरेश कुमार शर्मा ने पहली बार काला गेहूं की खेती की है. उन्होंने मध्य प्रदेश के खरगौन से काला गेहूं का बीज लाकर फसल तैयार की थी. इस गेहूं की बुवाई 8 से 10 किलो प्रति बीघा होती है.

इसकी पैदावार 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टर मिल सकती है. किसान ने इस गेहूं को बिना रसायनिक दवाओं के तैयार किया है. इस खेती में केवल वर्मी कंपोस्ट और डब्ल्यूडीसी खाद का उपयोग किया गया है.

काला गेहूं की रिसर्च (Black wheat research)

इस गेहूं की रिसर्च नेशनल एग्री फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट नाबी मोहाली पंजाब ने की है. कृषि वैज्ञानिक डॉ. मोनिका गर्ग ने साल 2010 से रिसर्च करना शुरू किया था. इसके बाद काला गेहूं तैयार किया गया है, इसलिए इस गेहूं का नाम भी नाबी एमजी रखा है. अब कई किसानों ने काले गेहूं की खेती करना शुरू कर दिया है.

किसानों के लिए फायदेमंद है काला गेहूं (Black wheat is beneficial for farmers)

अगर किसान काले गेहूं की खेती करता है, तो यह उसके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा. एक तरफ किसान गेहूं को अच्छे मूल्यों पर बेच पाएगा, तो वहीं दूसरी तरफ किसान का स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहेगा. बता दें कि बाजार में काला गेहूं कम से कम 3500 रुपए प्रति क्विंटल से बिक जाएगा.

कई बिमारियों से बचाएगा काला गेहूं

नाबी के वैज्ञानिकों का मानना है कि काला गेहूं साधारण गेहूं से ज्यादा पौष्टिक होगा. यह गेहूं लोगों को कई गंभीर बिमारियों से बचाएगा.

  • कैंसर

  • शुगर

  • मोटापा

  • कोलेस्ट्रोल

  • दिल की बीमारी

  • तनाव

फिलहाल अभी यह गेहूं बाजार में नहीं बेचा जा रहा है, क्योंकि पहले इससे रिसर्च सेंटर भेजा जाएगा. मगर किसान एक-दूसरे से गेहूं ले सकते हैं. बताया जा रहा है कि रिसर्च सेंटर जल्द ही बाजार में काले गेहूं की कंपनियां उतारने जा रहा है. इसके बाद यह बाजार में बिकना शुरू हो जाएगा.  

English Summary: Black wheat was cultivated for the first time in U.P Published on: 27 April 2020, 01:27 PM IST

Like this article?

Hey! I am कंचन मौर्य. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News