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यह बिहार का इंजीनियर डेयरी व्यवसाय कर देश में कमा रहा नाम, पीएम मोदी बुलाया ने गुजरात

इंसान को किसी भी काम को छोटा या बड़ा नहीं समझना चाहिए बल्कि हमेशा अपने दिल में सोची हुई काम को चुनकर ही आगे बढ़ना चाहिए. ऐसे ही एक कार्य को करके बिहार के बेगुसराय के रहने वाले युवा ने पेश की है. इस युवा ने पढ़ाई इंजीनियरिंग कि की लेकिन इन्होंने कामयाबी और नाम हासिल की गोपालन से. यह ही नहीं पीएम मोदी से लाईव संबोधान में जुड़ने के बाद यह युवा लाखों लोगों के लिए रोल मॉडल बन गये हैं.

आदित्य शर्मा

इंसान को किसी भी काम को छोटा या बड़ा नहीं समझना चाहिए बल्कि हमेशा अपने दिल में सोची हुई काम को चुनकर ही आगे बढ़ना चाहिए. ऐसे ही एक कार्य को करके बिहार के बेगुसराय के रहने वाले युवा ने पेश की है. इस युवा ने पढ़ाई इंजीनियरिंग कि की लेकिन इन्होंने कामयाबी और नाम हासिल की गोपालन से. यह ही नहीं पीएम मोदी से लाईव संबोधान में जुड़ने के बाद यह युवा लाखों लोगों के लिए रोल मॉडल बन गये हैं.

अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के मछ्ली पालन व डेयरी उद्योग से जुड़े लोगों से बात की थी. इनमें बिहार के बरौनी के रहने वाले ब्रजेश भी शामिल थे और पीएम मोदी ने खुद इनकी प्रशंसा की थी. पीएम मोदी के द्वारा कही गयी आत्मनिर्भर भारत की ओर ब्रजेश कुमार के बढ़ते कदम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी खुश हुए थे. मोदी ने इनकी तारीफ करते हुए कहा कि आपकी बातों से हमें हौसला मिलता है. प्रधानमंत्री ने इस किसान को गुजरात आने का न्योता दिया और साथ ही कहा कि वहां पर डेयरी उद्योग और सहकारी समिति की सफल योजनाओं को देखें इसकी व्यवस्था भी ब्रजेश के लिए की जाएगी.

ब्रजेश वर्ष 2013 से गोपालन का काम कर रहे हैं और अभी 30 साल के युवा हैं. उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई वर्ष 2010 में पूरी की थी लेकिन कुछ अलग करने की चाह में इन्होंने वर्ष 2013 में डेयरी के क्षेत्र में कदम रखा. ब्रजेश ने डेयरी की शुरुआत करीब दो दर्जन साहिवाल एवं जर्सी नस्ल की गाय से की थी और शुरुआत में ही 130 लीटर दूध तैयार कर रहे थे. धीरे-धीरे गोपालन के क्षेत्र में अनुभव मिलने के बाद ब्रजेश राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आणंद गुजरात के मार्ग दर्शन में अन्य किसानों को भी प्रशिक्षण देने लगे.

पैदावार बढ़ाने के लिए वर्मीकम्पोस्ट का काम भी करते हैं ब्रजेश

कृषि क्षेत्र में भी ब्रजेश वर्ष 2017 से कार्य कर रहे हैं. किसानों की फसलों के पैदावार को बढ़ा सकें इसलिए वर्मीकम्पोस्ट तैयार कर रहे हैं. ब्रजेश मानते हैं की पशुओं को बीमारी और अन्य प्रकार की समस्याओं से बचाने के लिए उन्हें खुले में ही रखना चाहिए. गौशालों में सबसे जरूरी है साफ-सफाइ रखना जिसपर विशेष ध्यान देना चाहिए.

ब्रजेश को गौपालन के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुका है-

  • बेगूसराय डीएम द्वारा उत्कृष्ट कृषक पुरस्कार

  • पशु एवं मत्स्य विभाग बिहार सरकार द्वारा प्रथम प्रगतिशील किसान पुरस्कार

  • राष्ट्रीय पशु विकास योजना अंतर्गत पशु मेला में द्वितीय पुरस्कार

  • डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा अभिनव किसान पुरस्कार

  • केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के द्वारा भी 2018 में पुरस्कृत

सरकार के द्वारा डेयरी व्यापार के लिए कई प्रकार की स्कीम चलाई जाती है जिसका लाभ ब्रजेश के जैसे अन्य किसान भी ले सकते हैं.

English Summary: Bihar youth engineer started dairy, pm modi called him Gujarat Published on: 10 October 2020, 11:18 AM IST

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