1. Home
  2. ख़बरें

इस गांव के लगभग सभी लोग करते हैं संतरे की खेती, कमाई 50-80 हजार रुपए महीना

नेपाल की सीमा से लगने वाले चंपावत जिले के पंचेश्वर के गांव की चर्चा आजकल ज़ोरो पर है. यह गांव संतरा उत्पादन में काफी आगे है. इस गांव के ज्यादातर परिवारों का मुख्य व्यवसाय फल उत्पादन है और प्रत्येक परिवार प्रति वर्ष केवल संतरा बेचकर ही 50 से 80 हजार रुपये की कमाई कर लेता है. इस गांव के परिवारों के बीच बागवानी काफी लोकप्रिय है और संतरे के अलावा यहां लोग आम और लीची की बागवानी भी करते हैं.

आदित्य शर्मा

नेपाल की सीमा से लगने वाले चंपावत जिले के पंचेश्वर के गांव की चर्चा आजकल ज़ोरो पर है. यह गांव संतरा उत्पादन में काफी आगे है. इस गांव के ज्यादातर परिवारों का मुख्य व्यवसाय फल उत्पादन है और प्रत्येक परिवार प्रति वर्ष केवल संतरा बेचकर ही 50 से 80 हजार रुपये की कमाई कर लेता है. इस गांव के परिवारों के बीच बागवानी काफी लोकप्रिय है और संतरे के अलावा यहां लोग आम और लीची की बागवानी भी करते हैं. उद्यान विभाग के द्वारा भी यहां इस गांव को फल पट्टी के रूप में विकसित कर कोल्ड स्टोर स्थापित किया जा रहा है और इस कार्य के लिए लगभग 15 लाख रुपए की स्वीकृति के लिए भेजा गया है.

वैसे अगर जिले की बात करें तो यहां के लोग अलग-अलग मौसम के अनुसार बागवानी करते हैं लेकिन धरगड़ा गांव में परिवारों का मुख्य आजीविका संतरा की खेती को ही बनाया है. यहां गांव में लगभग 80 परिवार इस बागवानी के प्रमुख कार्यों में लिप्त हैं और इन सभी के पास संतरे का लगभग 80 से 100 पेड़ है. संतरे की क्वालिटी की अगर बात करें तो यह इतनी अच्छी है कि इसकी मांग जिले के साथ-साथ बाहर के लोगों के बीच काफी ज्यादा है.

यहां की प्रसिद्ध मंडी टनकपुर तक भी यहां के संतरे की मांग है. संतरे की बागवानी करने वाले लोगों का कहना है कि यहां का संतरा पूरे गांव के लिए रोज़गार का साधन बना हुआ है और लोग इससे अपनी आजीविका चलाते हैं. लोगों ने बताया कि शुरुआत में कुछ लोग ही गांव में संतरे की बागवानी का कार्य की शुरुआत की थी लेकिन मांग बढ़ने के बाद आज यहां के अधिक्तर लोग इससे जुड़ चुके हैं. लोगों की मानें तो आज संतरा गांव वालों के लिए आमदनी का मुख्य श्रोत बन गया है इसलिए यह लोग ज्यादा से ज्यादा इसकी बागवानी के क्षेत्र को बढ़ाने का निर्णय लिया है. लोगों ने बताया कि काश्तकारों के द्वारा कोल्ड स्टोर का निर्माण न होने की वजह से उत्पादों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है.

बता दें कि उद्यानिकी विभाग की पहल के बाद यहां काश्तकार मोहन सिंह ने बताया कि गांव का हर परिवार सीजन में सिर्फ संतरा बेचकर कम के कम 50 हजार रुपया कमाता है. कई लोग 60 से 80 हजार रुपये के फल बेच लेते हैं. गांव में फल उत्पादन काफी अच्छा होने से अब उद्यान विभाग ने यहां फल पट्टी विकसित कर कोल्ड स्टोर बनाने का निर्णय लिया है. जिला उद्यान अधिकारी सतीश शर्मा ने बताया कि कोल्ड स्टोर एवं अन्य निर्माण कार्यों के लिए 15 लाख रुपये का प्रस्ताव शासन को स्वीकृति के लिए भेजा गया है. धनराशि मिलते ही कोल्ड स्टोर बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.

English Summary: People in this village are engaged in orange cultivation, earning 50-80 thousand rupees a month. Published on: 09 October 2020, 05:53 PM IST

Like this article?

Hey! I am आदित्य शर्मा. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News