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हरियाणा में किसान नेताओं की रिहाई को लेकर 12 जून को होगी महापंचायत, जानें पुलिस की क्या है प्रतिक्रिया

सूरखमुखी को भावांतर भरपाई योजना से बाहर निकालने की मांग को लेकर किसान अड़े हुए हैं. इसको लेकर अब उन्होंने महापंचायत करने का निर्णय लिया है.

मुकुल कुमार
नेताओं की रिहाई को लेकर किसानों ने बुलाई महापंचायत
नेताओं की रिहाई को लेकर किसानों ने बुलाई महापंचायत

हरियाणा में किसानों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज कर दी है. वह अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार के साथ आर पार के मूड में दिख रहे हैं. सूरजमुखी को भावांतर भरवाई योजना से बाहर निकालने की मांग को लेकर हाल ही में किसान हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सड़कों पर भारी तादाद में उतरे थे. जिसके बाद पुलिस ने कई किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया. अब एमएसपी व उन नेताओं की रिहाई की मांग पर किसान पूरी तरह डट गए हैं. यहां तक कि उन्होंने शाहाबाद (कुरुक्षेत्र) में हुए लाठी चार्ज व भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी समेत अन्य किसान नेताओं की गिरफ्तारी पर 12 जून को पिपली में महापंचायत बुलाई है.

पुलिस ने जारी की नोटिस

किसानों ने बिकेयू और संयुक्त किसान मोर्चा तमाम संगठनों के कृषकों से ट्रैक्टर के साथ पिपली पहुंचने का आह्वान किया है. दूसरी ओर, इस प्रदर्शन को लेकर पुलिस भी सख्त है. इस मामले में अब तक कई किसान नेताओं के घर पर नोटिस पहुंच गया है. जिसमें कहा गया है कि पिपली में आयोजित होने वाले महापंचायत में शामिल होने से यातायात प्रभावित होगा. साथ ही इससे कानून व्यवस्था भी भंग होगी. पुलिस ने अपने नोटिस में यह भी कहा कि इस तरह के महापंचायत में शामिल होने वाले लोगों को सख्त हिदायत दी जाती है. उन्हें कानून व्यवस्था बना कर रखना है. साथ ही पुलिस ने 11 जून को लिखित में बयान दर्ज कराने की भी बात कही है.

यह भी पढ़ें- भावांतर भरपाई योजना को लेकर दूसरे दिन किसानों का आंदोलन जारी, जानें क्या है पूरा मामला

इस दिन शुरू हुई थी भावांतर योजना

किसानों को भारी नुकसान से बचाने के लिए सरकार ने भावांतर भरपाई योजना की शुरुआत की थी. 30 सितंबर, 2017 को यह योजना खासकर उन कृषकों के लिए शुरू हुई थी. जो बागवानी और मसाला फसलों की खेती करते हैं. इसका मकसद किसानों को उपज की उचित कीमत दिलाना था. इस योजना में मसाला की दो फसलों व बागवानी की 19 फसलों को शामिल किया गया था.

सरकार की तरफ से योजना में शामिल सभी फसलों की कीमत तय की गई थी. अगर उससे कम दाम में फसल बिकते थे तो सरकार पैसा देकर नुकसान की भरवाई करती थी. कई किसानों ने हरियाणा में इस योजना का लाभ उठाया. लेकिन उन्हें लगभग सभी फसलों पर एमएसपी के हिसाब से पैसे नहीं मिले. ऐसे में जब सूरजमुखी को इस योजना में शामिल किया गया तो किसान भड़क उठे और सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दी.

English Summary: Bhavantar Bharpai Yojana farmers fight with government called mahapanchayat Published on: 11 June 2023, 11:53 AM IST

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