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राज्य सरकार बैल से खेती करने पर देगी 30 हजार रुपए अनुदान, लेकिन इन किसानों को नहीं मिलेगा लाभ

Bullock farming scheme: राजस्थान सरकार की बैल आधारित खेती प्रोत्साहन योजना में किसानों को प्रतिवर्ष 30 हजार रुपए देने का प्रावधान है. लेकिन बैलों के बीमा की प्रक्रिया स्पष्ट न होने से किसान परेशान हैं. कृषि और पशुपालन विभाग के बीच फंसे किसान योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.

मोहित नागर
Bullock pair farming benefits
राज्य सरकार बैल से खेती करने पपर देगी 30 हजार रुपए अनुदान (सांकेतिक तस्वीर)

Rajasthan bullock pair subsidy: राजस्थान सरकार द्वारा पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लघु एवं सीमांत किसानों को बैल से खेती करने पर प्रतिवर्ष 30 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि देने की योजना लागू की गई है. हालांकि यह योजना किसानों के लिए राहत लेकर आई है, लेकिन इसके क्रियान्वयन में सबसे बड़ी अड़चन बैलों के बीमा को लेकर सामने आ रही है. बीमा प्रक्रिया को लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं होने के कारण किसान कृषि विभाग और पशुपालन विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.

आवेदन की प्रक्रिया और शर्तें

इस योजना के तहत किसान राजकिसान साथी पोर्टल या ई-मित्र केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज और शर्तें जरूरी हैं:

  • किसान के पास एक जोड़ी बैल होनी चाहिए, जो खेती कार्य में उपयोग किए जा रहे हों.
  • किसान का लघु या सीमांत कृषक प्रमाण पत्र (तहसीलदार से प्रमाणित).
  • भूमि की संपूर्ण जानकारी.
  • बैलों का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र और बीमा पॉलिसी.
  • किसान के साथ बैलों की फोटो अपलोड करना अनिवार्य.
  • बैलों की उम्र 15 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए.

बीमा को लेकर सबसे बड़ी समस्या

योजना में बीमा अनिवार्य तो किया गया है, लेकिन बैलों के बीमा की प्रक्रिया स्पष्ट नहीं है. निजी बीमा कंपनियां केवल दुधारू पशुओं का बीमा करती हैं, जबकि बैलों का बीमा करने से इंकार कर रही हैं. इससे किसानों को कृषि विभाग और पशुपालन विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. दोनों विभागों के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं है जिससे किसानों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है और योजना का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं.

पशुपालन विभाग से मिलेगा स्वास्थ्य प्रमाण पत्र

पशुपालन विभाग की भूमिका फिलहाल केवल स्वास्थ्य प्रमाण पत्र देने तक सीमित है. विभाग का कहना है कि यदि किसान बैल लेकर आते हैं, तो स्वास्थ्य परीक्षण के बाद प्रमाण पत्र देने की संपूर्ण व्यवस्था है. वहीं बीमा की जिम्मेदारी कृषि विभाग को दी गई है, लेकिन विभाग के पास कोई अधिकृत बीमा एजेंसी नहीं है, जिससे आवेदन प्रक्रिया अधूरी रह जाती है.

बैलों के बीमा के लिए एजेंसी जरूरी

विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे पशुपालन विभाग 'मंगला पशु बीमा योजना' के तहत एसआईपीएफ एजेंसी से बीमा करवा रहा है, उसी तरह कृषि विभाग को भी बैलों के बीमा के लिए किसी एजेंसी से समझौता करना चाहिए. इससे योजना सुचारु रूप से लागू हो सकेगी और किसानों को लाभ मिल सकेगा.

English Summary: benefits rajasthan government bullock pair subsidy scheme 2025 online apply process Published on: 24 April 2025, 04:47 PM IST

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