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फसल बीमा: इस स्थिति में किसानों को नहीं मिलेगा बीमा कंपनियों से मुआवज़ा, जानिए वजह

बेमौसम बारिश ने एक बार फिर किसानों की समस्या बढ़ा दी है. खेतों में रबी फसल की बुवाई के बाद कई बार मौसम ने अपना मिजाज़ बदला, जिसका असर अब किसानों की फसल और आमदनी पर पड़ा रहा है. एक तरफ बेमौसम बारिश ने रबी फसल को बर्बाद किया है, तो वहीं दूसरी तरफ इसका असर फसल बीमा पर भी पड़ने वाला है. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला में कृषि विभाग ने एक सर्वे शुरू किया है, जिसमें किसानों को रबी फसल में हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. इस सर्वे के मुताबिक, इस बार सभी किसान फसल बर्बाद होने पर बीमा का लाभ नहीं उठा पाएंगे.

कंचन मौर्य
Crop insurance

बेमौसम बारिश ने एक बार फिर किसानों की समस्या बढ़ा दी है. खेतों में रबी फसल की बुवाई के बाद कई बार मौसम ने अपना मिजाज़ बदला, जिसका असर अब किसानों की फसल और आमदनी पर पड़ा रहा है. एक तरफ बेमौसम बारिश ने रबी फसल को बर्बाद किया है, तो वहीं दूसरी तरफ इसका असर फसल बीमा पर भी पड़ने वाला है. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला में कृषि विभाग ने एक सर्वे शुरू किया है, जिसमें किसानों को रबी फसल में हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. इस सर्वे के मुताबिक, इस बार सभी किसान फसल बर्बाद होने पर बीमा का लाभ नहीं उठा पाएंगे. 

कृषि विभाग का सर्वे

कृषि विभाग द्वारा हर गांव में जाकर फसल का निरीक्षण करके एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है. इस  रिपोर्ट के मुताबिक, जिन गांव के किसानों की फसल का केवल 10 प्रतिशत भाग बर्बाद हुआ है, उन  किसानों को बीमा कंपनी की तरफ से मुआवज़ा दिया जाएगा, लेकिन जिन किसानों की अधिसूचित रबी फसल का रकबा न्यूनतम 10 हेक्टेयर से कम है और उन किसानों से फसल बीमा कराया ही नहीं गया है, तो इस स्थिति में किसानों को मुआवज़ा नहीं दिया जाएगा.

क्यों नहीं मिलेगा मुआवज़ा?

दरअसल, इससे पहले किसानों के लिए न्यूनतम हेक्टेयर का निर्धारण पंचायत स्तर पर किया जाता था,  लेकिन अब इसको ग्राम स्तर पर कर दिया गया. बता दें कि राजनांदगांव जिले में कई ऐसे गांव हैं, जहां इस बार अधिसूचित रबी फसल का रकबा 15 हेक्टेयर से कम है. ऐसे में किसानों को बीमा से वंचित होना पड़ रहा है. फिलहाल किसान सरकारी दफ़्तरों में फ़रियाद लगा रहे हैं कि इस मामले में किसानों को राहत दी जाए.

कब तक कराना था बीमा

पीएम फसल बीमा योजना के तहत रबी फसल साल 2019-20 के लिए बीमा दिसंबर तक कराना था. बता दें कि बीते साल 1 लाख 14 हजार हेक्टेयर की फसल का बीमा कराया गया था,  लेकिन इस बार अभी तक बीमित रकबे की जानकारी नहीं मिली है. इस साल किसानों से गेंहू सिंचित के लिए प्रीमियम राशि प्रति हेक्टेयर 495 रुपये की दर से जमा कराई गई है, तो वहीं गेंहू असिंचित के लिए 300, चना 473, अलसी 188 और सरसों के लिए 300 रुपए प्रीमियम राशि जमा कराई गई है.

इतने किसानों ने सहकारी बैंक से कराया बीमा

इस बार करीब 15 हजार किसानों ने सहकारी बैंक से रबी फसल बीमा कराया है. इसमें ऋणी और अऋणी, दोनों वर्ग के किसान हैं. पिछले साल के मुताबिक इस साल ज़्यादा किसानों ने बीमा करा रखा है.

ये खबर भी पढ़ें:खीरे की ओपन फ़ील्ड में करें बुवाई, अच्छी उपज के लिए अपनाएं टपक विधि

 

English Summary: benefit of crop insurance to farmers if the area under rabi crop is less than 10 hectares Published on: 10 February 2020, 11:23 AM IST

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