1. Home
  2. ख़बरें

बहु-फसली खेती से प्रोग्रेसिव फार्मर शोभा राम ने कमाया नाम, ICAR- CISH से मिला ‘उत्कृष्ट किसान सम्मान’

अयोध्या जिले के प्रगतिशील किसान शोभा राम ने बहु-फसली खेती और पशुपालन से अपनी अलग पहचान बनाई है. तीन एकड़ जमीन पर केले, धान, गेंदा, आलू, मक्का, मिर्च व खीरा उगाते हैं. हाल ही में ICAR-CISH लखनऊ ने उन्हें केले की खेती के लिए 'उत्कृष्ट किसान सम्मान' दिया है.

KJ Staff
progressive farmer Shobharam multi crop farming gets Utkrisht Kisan Samman

अयोध्या जिले के प्रगतिशील किसान शोभा राम ने बहु-फसली खेती के दम पर कृषि जगत में अपनी अलग पहचान बनाई है. मकसूमगंज गांव निवासी शोभा राम पिछले कई वर्षों से खेती-किसानी कर रहे हैं. तीन एकड़ जमीन पर मेहनत और प्रयोगों से उन्होंने परंपरागत खेती की बजाय बहु-फसली खेती का रास्ता चुना. उनकी मुख्य फसल केला है, लेकिन इसके साथ वे धान, गेंदा फूल, मिर्च, मक्का, आलू और खीरे की खेती भी करते हैं. खेतों के किनारों पर दशहरी आम के पेड़ लगाए हैं, जिनके नीचे हल्दी, अदरक और सूरन उगाकर अतिरिक्त आय का साधन बनाया है.

साथ ही बकरी और गाय पालन से पशुपालन क्षेत्र में भी योगदान कर रहे हैं. हाल ही में उनकी इस मेहनत और नवाचार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH), रहमान खेड़ा, लखनऊ ने सराहा और उन्हें उत्कृष्ट किसान सम्मान से नवाजा.

बहु-फसली खेती से बढ़ा मुनाफा

शोभा राम की खेती की खासियत यह है कि उन्होंने जमीन का हर हिस्सा उपयोगी बना लिया है. केले की मुख्य फसल के साथ वे पहली सह-फसल के रूप में धान और गेंदा उगाते हैं. इसके बाद गेंदा की फसल के बीच मिर्च और मक्का की खेती की जाती है. खेतों की खाली जगह को आलू और खीरे से भर दिया जाता है. इस तरह एक ही जमीन से सालभर अलग-अलग फसलों की पैदावार होती रहती है, जिससे आय के कई स्रोत बने रहते हैं.

बागवानी और पशुपालन से अतिरिक्त आय

खेती के साथ शोभा राम बागवानी और पशुपालन को भी बराबर महत्व देते हैं. उन्होंने खेतों की मेड़ पर दशहरी आम के पौधे लगाए हैं. इनके नीचे हल्दी, अदरक और सूरन की खेती कर लाभ बढ़ाया. वहीं, बकरी पालन और गाय पालन से दूध और दुग्ध उत्पादों की आय भी होती है. इस तरह बहु-आयामी खेती से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है.

वैज्ञानिकों और अधिकारियों की सराहना

शोभा राम के नवाचारों और खेती की शैली को देखने के लिए समय-समय पर ICAR और CISH के वैज्ञानिक, जिले के कृषि अधिकारी और कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के विशेषज्ञ उनके फार्म का दौरा करते रहते हैं. उनकी खेती किसानों और वैज्ञानिकों दोनों के लिए अध्ययन का विषय बन चुकी है.

पुरस्कारों से बढ़ा सम्मान

शोभा राम को अब तक जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मान मिल चुके हैं. उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें एक मिसाल किसान बना दिया है. हाल ही में उन्हें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमान खेड़ा, लखनऊ के 42वें स्थापना दिवस समारोह में केले की खेती और संस्थान द्वारा विकसित "फ्यूजी कांट दवा" के प्रयोग के लिए उत्कृष्ट किसान सम्मान से सम्मानित किया गया. यह सम्मान उनके वर्षों की मेहनत और प्रयोगशील खेती का प्रमाण है.

किसानों के लिए प्रेरणा

शोभा राम की कहानी इस बात का उदाहरण है कि सीमित संसाधनों और जमीन पर भी नवाचार और मेहनत से बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है. बहु-फसली खेती और पशुपालन को मिलाकर उन्होंने खेती को लाभकारी व्यवसाय में बदल दिया. उनका मानना है कि किसान अगर समय पर तकनीक और वैज्ञानिक सलाह का उपयोग करें तो खेती में कभी नुकसान नहीं होगा.

English Summary: Ayodhya farmer success story of progressive farmer Shobharam multi crop farming gets Utkrisht Kisan Samman Published on: 05 September 2025, 06:31 PM IST

Like this article?

Hey! I am KJ Staff. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News