कोरोना वायरस से आर-पार की लड़ाई में जहां एक तरफ देशभर के डॉक्टर डटे हुए हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं ने मोर्चा संभाल लिया है. गांव-गांव जाकर एक तरफ ये लोग अपने कार्यक्षेत्र में ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवा संबंधी आवश्यकताओं की जानकारी दे रही हैं, वहीं लोगों को सफाई और स्वच्छता का महत्व भी समझा रही हैं. इनके काम को देखते हुए अब सरकार ने भी इन्हें प्रशिक्षण देने का फैसला किया है.
ग्रामीणों को करेंगी जागरुक
इस महामारी की गंभीरता को समझते हुए डॉक्टर आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देंगे. इस प्रशिक्षण में उन्हें बीमारी के लक्षण, उससे बचाव एवं सतर्कता के बारे में बताया जाएगा. इन कार्यकर्ताओं को आइसोलेशन वॉर्ड की जानकारी भी दी जाएगी, जिससे ये गांव में घर-घर जाकर लोगों को क्षेत्रीय भाषा में जागरुक करेंगी.
वहीं स्कूलों में भी जाकर ये लोग बच्चों को स्वास्थ्य शिक्षा की जानकारी देंगी. कोरोना से बचने के लिए बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग सिखाना भी इनका लक्ष्य होगा.
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 700 पार
गौरतलब है कि कोरोना वायरस का कहर लॉकडाउन के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब तक की प्राप्त जानकारी के मुताबिक देश में इस वायरस से मरने वालों की संख्या 20 हो गई है. इस खबर के लिखे जाने तक देशभर में 71 नए मामले दर्ज किए जा चुके हैं. इसी के साथ देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 700 के पार जा चुकी है.
सरकार देगी आर्थिक मदद
वैसे केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कोरोना वायरस (कोविड-19) से प्रभावित गरीबों और ग्रमीणों को 1.70 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है. सरकार प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत तीन महीने तक नि:शुल्क गैस सिलेंडर लोगों को प्रदान करेगी. इसका लाभ 8.3 करोड़ महिलाओं को होगा.
Share your comments