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कृषि विभाग बिहार एक समीक्षात्मक बैठक का आयोजन कर सभी जिलास्तरीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में जिलों के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुसार अविलम्ब कोषागार से राशि की निकासी कर किसानों के खाते में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि योजनाओं में डी.बी.टी. को शत-प्रतिशत लागू करायें. उनके द्वारा सभी केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के नोडल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि जिस योजना में लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि नहीं होगी उस योजना के नोडल पदाधिकारी इसके लिए जिम्मेवार होंगे. साथ ही जिन जिलों में विभागीय योजनाओं के लिए आवंटित राशि के व्यय में कोताही बरतने की बात प्रकाश में आयेगी. वहाँ के जिला स्तरीय पदाधिकारियों पर भी कठोर कार्रवाई की जायेगी.
माननीय मंत्री ने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि फसल उत्पादन से संबंधित आवश्यक सभी तकनीकी जानकारी जैसे- उन्नत प्रभेद का बीज फसल लगाने की उचित अवधि बीज उपचार खेत की तैयारी फसलों की बुवाई पौधा संरक्षण सिंचाई फसलों की कटाई तथा कटाई उपरान्त उनका प्रबंधन की पूरी जानकारी किसानों को ससमय उपलब्ध करायी जाये. इसके लिए कृषि कैलेण्डर तैयार कराया जाये. साथ ही कैलेण्डर के अनुसार ही किसानों को सभी आवश्यक उपादान जैसे बीज उर्वरक कीटनाशी आदि समय पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये.
माननीय मंत्री ने निदेश दिया कि कृषि समन्वयकों की नियमित नियुक्ति के उपरान्त शेष रिक्त पदों पर नियोजन/नियुक्ति एवं प्रखण्डों में प्रखण्ड तकनीकी प्रबंधक (बी.टी.एम. एवं सहायक तकनीकी प्रबंधक ए.टी.एम. की नियुक्ति के लिए रोस्टर क्लीयरेन्स कराकर उनके रिक्ती की सूचना विभाग को अविलम्ब उपलब्ध कराई जाये ताकि उस पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके.
डॉ० कुमार ने कहा कि सभी जिला कृषि पदाधिकारी वर्ष 2018-19 के लिए कृषि यांत्रिकरण योजना सहित सभी योजनाओं का वार्षिक कार्य योजना बनाकर विभाग को 15 फरवरी 2018 तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायें. विभाग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अनुमंडलस्तर पर कृषि यांत्रिकीकरण मेला का आयोजन किया जाये. दिनांक 22-25 फरवरी. 2018 तक गाँधी मैदान. पटना में आयोजित होने वाले राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला में राज्य के अधिक से अधिक किसानों की भागीदारी सुनिश्चित कराने की तैयारी के साथ-साथ मेले में बिक्री होने वाले कृषि यंत्रों यथा-कम्बाईन हार्वेस्टर थ्रेसर पावर टीलर आदि का परमिट इच्छुक कृषकों को उपलब्ध कराया जाये. उनके द्वारा किसानों के खाते में अनुदान की राशि के शीघ्र हस्तान्तरण का निदेश भी जिला कृषि पदाधिकारियों को दिया गया.
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