
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की 96वीं वार्षिक आम बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के हित में कई अहम घोषणाएं कीं. उन्होंने बताया कि जल्द ही देशभर में 'फसल औषधि केंद्र' खोले जाएंगे, जहां किसानों को सही और सस्ते कीटनाशक व उर्वरक मिल सकेंगे. अमानक बीज, खाद और कीटनाशकों पर रोक लगाने के लिए सरकार सख्त कानून लाने जा रही है. बैठक में उन्होंने सोयाबीन, दलहन और तिलहन जैसी फसलों पर अधिक शोध की जरूरत बताई. साथ ही राज्य और केंद्र सरकार मिलकर किसानों के लिए नई कार्ययोजना तैयार करेंगी.
'फसल औषधि केंद्र' जल्द होंगे शुरू
बैठक में कृषि मंत्री ने जन औषधि केंद्र की तर्ज पर 'फसल औषधि केंद्र' खोलने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि किसानों को बेहतर व मानक गुणवत्ता वाले बीज, खाद, कीटनाशक और उर्वरक समय पर व उचित मूल्य पर उपलब्ध हों, इसके लिए यह कदम जरूरी है. सरकार अमानक कृषि उत्पादों पर लगाम लगाने के लिए कड़े कानून लाने की तैयारी कर रही है.
इन फसलों पर होगा ज्यादा ध्यान
शिवराज सिंह ने बताया कि आने वाले समय में सोयाबीन, दलहन और तिलहन जैसी फसलों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इनके अलावा गेहूं, चावल और मक्का के उत्पादन को भी बढ़ाने की दिशा में काम होगा. इसके लिए राज्यवार और फसलवार योजनाएं बनाई जाएंगी.
राज्यों के साथ मिलकर काम करेगी केंद्र सरकार
कृषि मंत्री ने दोहराया कि कृषि राज्य का विषय है, इसलिए राज्यों के साथ समन्वय जरूरी है. उन्होंने कहा कि खेती की उन्नति राज्यों के सहयोग के बिना संभव नहीं है. आज भारत अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर ही नहीं, बल्कि निर्यातक देश बन चुका है.
रबी सम्मेलन से बनेगी कार्ययोजना
उन्होंने जानकारी दी कि रबी सीजन से पहले 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के तहत एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. यह दो दिन का सम्मेलन होगा, जिसमें पहले दिन रूपरेखा तय की जाएगी और दूसरे दिन राज्यों के कृषि मंत्री उस पर अंतिम मुहर लगाएंगे.
वैज्ञानिकों को दिए दिशा-निर्देश
कृषि मंत्री ने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे सिर्फ उपलब्धियों पर नहीं, बल्कि कृषि क्षेत्र की चुनौतियों पर भी शोध करें. उन्होंने ऐसे उपकरण बनाने पर ज़ोर दिया जो उर्वरकों की गुणवत्ता की जांच कर सकें. बैठक में ICAR की वार्षिक रिपोर्ट के साथ चार नई पुस्तकें भी जारी की गईं.
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