1. Home
  2. ख़बरें

शीतलहर और पाले से फसलों को सुरक्षित रखने के लिए कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी, जानें पूरी डिटेल

Frost in Winter: सर्दियों में पाला और शीतलहर से फसलों को बचाने के लिए राजस्थान कृषि विभाग ने सुझाव दिए हैं. फसलों को टाट, पॉलिथीन या भूसे से ढकें, हल्की सिंचाई करें, गंधक और थायो यूरिया का छिड़काव करें और वायु रोधी पेड़ लगाएं. ये उपाय फसलों को सुरक्षित रखते हैं.

KJ Staff
शीतलहर और पाले
शीतलहर और पाले से फसल को सुरक्षित रखने के लिए उपाय, सांकेतिक तस्वीर

Crop Protection Tips: सर्दियों के मौसम में किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पाले और शीतलहर चलने का असर सबसे अधिक किसानों की फसलों पर होता है. पाला अधिक पड़ने से पौधों की पत्तियां और फूल झुलसते है और साथ ही फल सिकुड़ जाते हैं. इसके अलावा पाला पड़ने से फसल के दाने सही से विकसित नहीं हो पाते हैं. अगर किसान समय रहते फसल को पाले से बचाना चाहते हैं, तो इसके लिए उन्हें कई तरह के महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे.

बता दें कि राजस्थान कृषि विभाग/Rajasthan Agriculture Department हाल ही में राज्य के किसानों को पाले से फसल को सुरक्षित रखने के लिए खास सुझाव जारी किए है. आइए इनके बारे में यहां विस्तार से जानते हैं...

फसलों को पाले से बचाने के उपाय/Measures to Protect Crops from Frost

फसलों को ढकना: पौधशालाओं और नकदी फसलों को टाट, पॉलिथीन या भूसे से ढक दें. हवा रोकने के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा में वायुरोधी टाटियां बांधें.

धुआं करना: खेतों की मेड़ों और बीच-बीच में घास-फूस जलाकर धुआं करें. इससे वातावरण का तापमान स्थिर रहता है और पाले का असर कम होता है.

हल्की सिंचाई:  पाला पड़ने की संभावना हो तो शाम को हल्की सिंचाई करें. जमीन में नमी रहने से तापमान एकदम से नहीं गिरता और फसलें सुरक्षित रहती हैं.

घुलनशील गंधक का छिड़काव:  फसलों पर 0.2% गंधक (2 ग्राम प्रति लीटर पानी) का घोल बनाकर अच्छे से छिड़काव करें. यह प्रक्रिया पाले से फसलों की रक्षा करती है और पौधों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है. ध्यान रहे कि इस घोल का छिड़काव का असर दो हफ्ते तक रहता है. बता दें कि सरसों, गेहूं, आलू और मटर जैसी फसलों पर गंधक का छिड़काव करने से पाले से ही सुरक्षा प्राप्त होगी बल्कि फसल जल्दी पकेगी.

थायो यूरिया का उपयोग:  फसल को पाले से बचाव के लिए थायो यूरिया (500 पीपीएम) का घोल बनाकर पौधों पर छिड़काव करें.

ये भी पढ़ें: पटना में आयोजित होगा तीन दिवसीय बागवानी महोत्सव, मिलेगा ₹10,000 तक का पुरस्कार

पेड़ लगाकर फसलों की सुरक्षा

दीर्घकालीन उपाय के रूप में खेतों की उत्तर-पश्चिमी मेड़ों और बीच-बीच में वायु रोधी पेड़ जैसे- शीशम, खेजड़ी, बबूल, अरडू और शहतूत लगाएं. ये पेड़ ठंडी हवा और पाले के झोंकों से फसलों को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं. किसान को फसल सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की परेशानी आती है, तो वह अपने नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं या फिर किसान कॉल सेंटर के टोल-फ्री नंबर 18001801551 पर कॉल कर मदद प्राप्त कर सकते हैं.

English Summary: Agriculture department issued advisory to protect crops from cold wave and frost Published on: 20 December 2024, 06:09 PM IST

Like this article?

Hey! I am KJ Staff. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News