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पराली प्रबंधन और गेहूं की बुवाई दोनों होगी एक साथ, इस तकनीक से किसानों की लागत में आएगी चार गुना तक कमी

गेहूं की सतही बुवाई/ Surface Seeding of Wheat की तकनीक से किसान का समय व लागत दोनों की बचत होगी. इसके अलावा किसान धान की कटाई और गेहूं की बुवाई भी इस एक मशीन से एक साथ कर पाएंगे, जिससे एक एकड़ खेत पर लगभग 650 रुपये की लागत आएगी. यह कृषि उपकरण किसान की तीन से चार गुना लागत कम करने में काफी मददगार साबित है.

लोकेश निरवाल
wheat surface sowing machine (Photo source: Google)
wheat surface sowing machine (Photo source: Google)

पराली की समस्या को लेकर वैज्ञानिकों ने एक ऐसी बेहतरीन कृषि उपकरण को तैयार की है, जो किसानों के लिए बेहद मददगार साबित हो रही है. इस कृषि मशीन से किसान धान की कटाई और गेहूं की बुवाई भी दोनों आसानी से कर सकते हैं. दरअसल, जिस कृषि मशीन की हम बात कर रहे हैं, वह गेहूं की सतही बुवाई/ Surface Seeding of Wheat कहीं जाती है. पराली प्रबंधन और गेहूं की बुवाई का यह नई तकनीक पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना द्वारा तैयार की गई है. बताया जा रहा है कि इस विधि से पराली प्रबंधन और गेहूं की बुवाई दोनों ही कार्य को एक समय में करने पर किसान की लागत एक एकड़ खेत पर लगभग 650 रुपये तक आती है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तकनीक से किसानों की तीन से चार गुना लागत कम हो जाती है.

इस बेहतरीन तकनीक को किसानों तक पहुंचाने के लिए पीएयू आगे बढ़कर कार्य कर रहा है. साथ ही यह किसानों को यह भी समझा रहे हैं, कि इसके इस्तेमाल से पराली जलाने से मुक्ति मिलेंगी और किसानों को डबल मुनाफा भी प्राप्त होगा.

धान की कटाई और गेहूं की बुवाई के लिए नहीं करना होगा इंतजार

गांव कनेक्शन के मुताबिक, पंजाब पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर के कृषि वैज्ञानिक डॉ माखन सिंह भुल्लर का कहना है कि- किसानों को पराली जलाने व गेहूं की बुवाई को आसानी बनाने के लिए इस तकनीक को तैयार किया गया है. उन्होंने बताया कि "इस विधि से धान की कटाई के बाद गेहूं की बुवाई के लिए किसानों को इंतजार नहीं करना होगा" इसके अलावा उन्होंने कहा कि "विश्वविद्यालय ने कुछ साल पहले बुवाई का यंत्र डिजाइन किया था, जिसे कंबाइन हार्वेस्टर में लगाया जाता है, इससे धान की कटाई होती है और अटैचमेंट में गेहूं और बीज होता है."

किसान की लागत

अगर किसान इस तकनीक से फसल के अवशेष प्रबंधन और गेहूं की कटाई करते हैं, तो उन्हें प्रति एकड़ खेत पर लगभग 650 रुपये की लागत आती है. इसके अलावा इस तकनीक की मदद से किसान एक एकड़ खेत में लगभग 45 किलो उपचारित गेहूं के बीज और 65 किलो डीएपी का इस्तेमाल कर सकते हैं.  

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गेहूं की सतही बुवाई के फायदे

  • इस तकनीक से किसान की एक एकड़ खेत में लागत लगभग 650 रुपये तक आती है, जोकि पारंपरिक तरीके के तीन से चार गुना कम है.

  • पराली प्रबंधन और गेहूं की कटाई दोनों सरल होगी.

  • महंगे और उच्च पावर वाले कृषि उपकरण की आवश्यकता नहीं.

  • यह तकनीक फसल को गर्मी के तनाव सेबचाता है.

  • इस तकनीक से खेत में खरपतवार कम होती है.

  •  प्रदूषण के स्तर को बढ़ने से रोकता है, क्योंकि इस तकनीक से किसान पराली नहीं जलाएंगे. बल्कि इसका इस्तेमाल करेंगे. 

English Summary: wheat surface sowing machine for stubble management and wheat sowing Published on: 20 October 2023, 05:56 PM IST

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