जीरो टिलेज सीड कम फर्टी ड्रिल से गेहूं की बुआई धान की कटाई के तुरंत बाद नमी का उपयोग करके बिना जुते हुए खेत में एक निश्चित गहराई मे मिट्टी के नीचे खाद तथा बीज को लाइन में बनाए गए कूड़ों में रखना इस मशीन का मुख्य कार्य है. इस मशीन से एक ही गहराई पर बीज बोने से समय पर अच्छा जमाव होता है साथ ही साथ समय की बचत भी होती है. लाइन में फसल होनें के कारण सिंचाई, निराई, कटाई आदि आसानी से होती है. इस मशीन में बीज बक्सा, खाद बक्सा, बीज की मात्रा सेट करनें वाला लीवर, बीज का आकार सेट करनें वाला लीवर, धरातल पहिया एवं फार मुख्य भाग है.
सीड ड्रिल चलाते समय बरती जाने वाली सावधानियां
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बीज और खाद अपनें-अपनें पूर्व निर्धारित स्थान पर ही बोये जायें तथा नलियों में कोई रूकावट न हो जिससे खाद या बीज गिरनें में असुविधा उत्पन्न हों.
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खाद दानेंदार प्रयोग किया जाय.
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खेत की बुआई करनें से पहले बीज और खाद को खेत के किनारों पर इस प्रकार रख लें कि उन्हें जल्दी से यन्त्र में भरा जा सके और यन्त्र को कम से कम समय खाली चलना पड़े. बुआई के समय इस बात का ध्यान रखना है कि मशीन को मोडते समय उसकी फालियां ऊपर उठी हो अन्यथा इसमें टूट फूट हो जायेगी.
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धान की कटाई के समय खेत पुआल व खरपतवार न रहे, यह फाल में फसते है.
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कम नमी पर बुआई करनें की दशा में हल्का पाटा लगायें.
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यदि खेत के शुष्क होनें की सम्भावना हो तो धान की कटाई से पूर्व हल्की सिंचाई कर देना चाहिए. उचित नमी पर बुआई करनें पर अच्छा जमाव होता है.
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बुआई करते समय बीज की उपयुक्त गहराई 3-5 से0मी0 सुनिश्चित करें.
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अच्छी बुआई के लिए ट्रैक्टर को न्यूनतम गेयर में चलाये.
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मिट्टी के प्रकार के अनुसार फार की गहराई की स्थिति को एडजेस्ट करें.
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एक चक्कर पूरा होनें के बाद मोड़नें से पहले जीरो ट्रिल सीड ड्रिल को ऊपर उठा दे.
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बुआई से पूर्व जीरो ट्रिल कम फर्टी ड्रिल का समायोजन करना आवश्यक है.
सीड ड्रिल मशीन का रखरखाव
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खाद के बक्से को कार्य करनें के उपरान्त पानी से साफ करके चेक कर लिया जाय कि रोलर में खाद न रह जाय.
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हर रोज सभी नट और बोल्ट कस के जांच लें.
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सभी नट बोल्ट पर्याप्त कसे तथ तनाव युक्त हो इसकी जांच करें.
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सभी अवयव का आपस में सामंजस्य ठीक हो.
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