वक्त के साथ कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है, लेकिन लॉकडाउन में ढील देने के कारण आर्थिक गतिविधियां तेज हो गई है. शायद यही कारण है कि धीरे-धीरे व्यापार के हर क्षेत्र पटरी पर आ रहे हैं. इसका साफ प्रमाण ऑटोमोबाइल्स कंपनियों के आंकड़ों से पता लगता है.
ट्रैक्टरों की बिक्री में आई तेजी
फरवरी से लेकर मार्च तक जो कंपनियां भारी घाटे में चल रही थी, अब मई माह में उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक घरेलू बाजार में ट्रैक्टरों की बिक्री ने धूम मचाई है. इस मामले में एस्कॉर्ट्स ने सभी को पछाड़ते हुए घरेलू बाजार में 6454 इकाइयों (मई 2020 में) की बिक्री की है, इसी तरह अन्य कंपनियों को भी मई में मुनाफा हुआ है.
मोटर पार्ट्स की भी बढ़ी बिक्री
लॉकडाउन के कारण दो महीनों से बीमार चल रही मोटर पार्ट्स कंपनियां भी अब धीरे-धीरे कमाई की तरफ बढ़ रही है. कई एजेंसी संचालकों व मोटर पार्ट्स विक्रेताओं के मुताबिक मई का महीना कुछ राहत भरा रहा है और आने वाला समय मुनाफा दे सकता है.
लॉकडाउन के बाद अचानक बढ़ेगी बिक्री
ऑटोमोबाइल्स विशेषज्ञों की माने तो आने वाले कुछ महीनों में गाड़ियों की बिक्री रफ़्तार पकड़ सकती है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण हेल्थ अवेर्नेस है. कोरोना वायरस के डर से लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगें और पब्लिक ट्रांसपोर्ट् का कम उपयोग करेंगें. इसी वजह से भी लोग अपनी कार खरीदना पसंद करेंगें. जो लोग कार खरीदने की योजना बना रहे थे, वो जरूर लॉकडाउन के बाद गाड़ियों को खरीदेंगें.
लॉकडाउन में हुआ भारी घाटा
देश के सभी राज्यों में संपूर्ण लॉकडाउन के कारण इन कुछ महीनों से इंडस्ट्रियल एक्टिविटीज़ पूरी तरह से बंद थे. कारखानों में निर्माण से लेकर बिक्री तक की सभी प्रक्रियाएं लगभग बंद थी, जिस कारण ऑटोमोबाइल्स कंपनियों को 1 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है.
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