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अब रोबोट करेंगे किसानों की जगह खेती

पंजाब में कई इलाकों पर किसानों को खेती संबंधी कार्यों में मजदूर की कमी पड़ रही है. इसके अलावा फसलों की निगरानी करने का कार्य भी बेहद ही कठिन कार्य साबित हो रहा है. इसी बीच अच्छी खबर है कि जल्द ही रोबोट भी खेती के कार्य को कर सकेंगे और उनकी फसलों पर ड्रोन के माध्यम से आसानी से निगरानी की जा सकेगी.

किशन
Robotic Farming
Robotic Farming

यह बात आपको सुनने में चाहे अजीब लगे लेकिन यही सच है कि अब पंजाब में जल्द ही रोबोट खेती का कार्य कर सकेंगे. दरअसल पंजाब में कई इलाकों पर किसानों को खेती संबंधी कार्यों में मजदूर की कमी पड़ रही है. इसके अलावा फसलों की निगरानी करने का कार्य भी बेहद ही कठिन कार्य साबित हो रहा है. इसी बीच अच्छी खबर है कि जल्द ही रोबोट भी खेती के कार्य को कर सकेंगे और उनकी फसलों पर ड्रोन के माध्यम से आसानी से निगरानी की जा सकेगी. ऐसा होने से आने वाले समय में राज्य के किसानों को बहुतायत फायदा होगा. दरअसल इस संबध में पंजाब एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय में भारतीय खेतीबाड़ी क्नेवेंकेशन का आयोजन हुआ है जिसमें आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जैसे विषयों पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया.

विशेषज्ञों ने रखे कई विचार

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित हुए दो दिवसीय सम्मेलन में एडवांस टेक्नोलॉजी पर कई तरह के विचार रखे गए जिसमें जाने-माने प्रोफेसर ने हिस्सा लिया और खेती से संबंधित विषयों पर अपने अहमविचारों को रखा. इस गोष्ठी में चर्चा की गई कि खेत में मजदूर समस्या से जूझ रहे हैं इसीलिए किसान भी खेती से मोह भंग करने लगे है. इसीलिए कृषि कार्यों में आर्टिफिशल इंटेलीजेंस आदि तकनीक को अपनाया जाना बेहद ही जरूरी है. 

अगर खेत में ड्रोन का इस्तेमाल होगा तो इसके सहारे खेत की आसानी से मॉनीटरिंग भी की जा सकती है. रोबोट खेत में लेबर वाला कार्य करेगा. इस तकनीक से समय की भी बचत होगी. जीएयू गुजरात के वाइस चांसलर का कहना है कि सही आंकड़े जुटाएं तो मशीनीकरण के सहारे आसानी से आय को बढ़ाया जा सकता है. 

किसानों को नई तकनीक की शिक्षा जरूरी

दरअसल पंजाब में लागातार जल का स्तर गिरता ही जा रहा है और कैंसर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ गया है. इसीलिए खेत से जुड़ी सभी चुनौतियों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए निपटाना होगा और साथ ही तकनीक के सहारे किसानी को और अधिक स्मार्ट बनाने पर तेजी से कार्य करना होगा. स्मार्ट खेतीबाड़ी के लिए हर तरह से, हर किसान, हर शिक्षक, विशेषज्ञ को तैयार करना होगा ताकि वह नई तकनीक और विचारों को सीखकर किसानी में इसका उपयोग करें.

बता दें कि आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस में ड्रोन, रोबोटिक, सेंसर बेस्ड टेक्नोलॉजी शामिल है. ताकि कम लागत में अधिक झाड़-फूस लगाने और नई खेती करने पर ज्यादा तेजी से ध्यान दे सकें.

इन तकनीकों का होगा इस्तेमाल

दरअसल इन नई टेक्नोलॉजी में लोकेशन सेंसर, ऑप्टिकल सेंसर, मैकेनिकल सेंसर, एयर फ्लो सेंसर आदि का तेजी से इस्तेमाल किया जा रहा है. इस तकनीक के सहारे मिट्टी, नमी, पीएच, न्यूट्रेंट, नमी आदि सभी की जानकारी आसानी से मिल जाती है. फसलों की कटाई, स्प्रे, शिप शेयरिंग में लेबर की जगह पर रोबोट का आसानी स इस्तेमाल किया जा सकता है.

English Summary: Robots will now cultivate this place Published on: 16 February 2019, 05:40 PM IST

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