आज के इस आधुनिक समय में किसानों को खेती-किसानी (Farming) से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए उन्नत व आधुनिक तकनीकों व मशीनों को अपनाना जरूरी हो गया है. ये कहना गलत नहीं कि अब नई-नई मशीनों के बिना खेती करना बेहद मुश्किल है. क्योंकि खेत के बड़े और कठिन कार्य को समय पर पूरा करने के लिए किसानों को मशीनों की जरूरत पड़ती है. किसानों की मदद के लिए कंपनियां भी हमेशा अपने उत्पादों में कुछ न कुछ परिवर्तन कर बाजार में उतारती रहती हैं. इसी कड़ी में अब काकतीय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, वारंगल (KITS-W) ने किसानों की सुविधाओं के लिए एक बेहतरीन ट्रैक्टर का निर्माण किया है. जोकि एक ड्राइवरलेस ऑटोमेटिक ट्रैक्टर है.
अपने इस बेहतरीन उपकरण को लेकर KITS, वारंगल के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग (CSE) के प्रोफेसर डॉ. पी निरंजन का कहना है कि इस परियोजना के लिए लगभग 41 लाख रुपए की राशि दी गई थी. वहीं प्रोजेक्ट के हैड अन्वेषक एमडी शरफुद्दीन वसीम का कहना है कि यह ट्रैक्टर किसानों के लिए पूरी तरह से सुविधाजनक है. खेतों की जुताई से लेकर अन्य कई कार्य किए जाएंगे. इसके इस्तेमाल से किसानों का समय तो बचेगा ही और साथ ही अधिक धन भी खर्च नहीं होगा.
रिमोट कंट्रोल ट्रैक्टर (Remote control tractor)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह ट्रैक्टर रिमोट कंट्रोल (remote control tractor) है. इस ट्रैक्टर को कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे किसान भाई सरलता से चला सकता है. इस ट्रैक्टर में किसान बिना बैठे एक ही स्थान से चला सकता है.
जिस तरह से आप कंप्यूटर में गेम खेलते हैं ठीक उसी तरह से किसान इसे चलाएंगे. बता दें कि इस ट्रैक्टर में एक एंड्रॉइड एप्लीकेशन (Android application) होगा, जो इसे पूरी तरह से संचालित करेगा. लाइफ फील्ड से डेटा एकत्रित करने के लिए विशेषज्ञों ने इस ट्रैक्टर में सेंसर भी दिया है. यह कई तरह के कार्य मिनटों में करेगा. जैसे कि खेती की मिट्टी में नमी व तापमान आदि का पता लगाने में सक्षम होगा. ताकि किसान मिट्टी की कमियों को दूर कर अच्छे से खेती कर सकें.
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इस रिमोट कंट्रोल ट्रैक्टर की कीमत को लेकर फिलहाल कंपनी की तरफ से कोई जानकारी साझा नहीं की गई है. यह भी नहीं बताया गया है कि यह किसानों के हाथों में कब तक आएंगे.
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