देश में आज भी ऐसे किसानों की बड़ी संख्या है जो पारंपरिक तरीकों से ही खेती करते हैं. बीज बुआई के लिए आज कई किसान छिटकाव विधि से करते हैं जिसके कारण उत्पादन में कमी आती है. दरअसल, छिटकाव विधि से बीज कहीं ज्यादा गिर जाता है तो कहीं कम. ऐसे में पौधों के बीच की दूरी में काफी अनियमितता होती है. छोटे किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए मेसरा स्थित यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक, बीआईटी के छात्रों ने किफायती और सस्ता सीडिंग उपकरण बनाया है.
दो बीजों की करता है बुआई
आमतौर पर किसान कई फसलें छिटकाव विधि से करते हैं जिस वजह से बीजों का समान वितरण नहीं हो पाता है. वहीं इस कारण से उत्पादन में कमी आती है. लेकिन छात्रों द्वारा तैयार किया गया यह उपकरण 4 इंच की दूरी पर दो बीजों की बुआई करता है. दो बीज डालने से इस उपकरण से बुआई में भी कम समय लगता है. इसकी मदद से एक घंटे में एक एकड़ की बुआई आसानी से की जा सकती है.
8 हजार रुपये की कीमत
बाजार में दो बीजों की बुआई करने वाले उपकरण कम उपलब्ध हैं या जो उपकरण उपलब्ध हैं वो काफी महंगे होते हैं. जिस वजह से इन उपकरणों को छोटी जोत का किसान आसानी से नहीं खरीद सकता है. संस्थान के छात्रों द्वारा तैयार किया गया यह उपकरण सस्ता और किफायती है. इस उपकरण को महज 8 हजार रूपए में तैयार किया गया है.
हाथों से चला सकते हैं
इस उपकरण में एक हाफ एचपी की मोटर लगाई गई है जिसकी सहायता से मिट्टी में बीज को समान दूरी पर डाला जाता है. बीज की बुआई के बाद यह उपकरण मिट्टी को समतल कर देती है. वहीं इसे किसान खुद हाथों से आसानी से चला सकता है. संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एसएस सोलंकी ने बताया कि हमारा लक्ष्य ऐसे शोधपरक उपकरणों को बनाने का है जो किसानों के लिए मददगार बन सकें. इसके लिए मैकैनिकल विभाग अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहा है.
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