1. Home
  2. मशीनरी

बारिश और ओलावृष्टि अब नहीं बनेंगे फसलों का काल, रेनगेज मशीन करेगी कमाल!

अचानक मौसम में बदलाव की वजह से किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ता है हालांकि किसानों को फसल बीमा की राशि मिल जाती है लेकिन इससे किसान और सरकार दोनों ही प्रभावित होते हैं. ऐसे में किसानों को मौसम की पहले से जानकारी देने के लिए एक खास मशीन लगाई जा रही है जिसकी मदद किसानों को मिलेगी.

राशि श्रीवास्तव
Rainguage
मौसम ख़राब की जानकारी देने वाली मशीन

देश के कई राज्यों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है ओलावृष्टि की वजह से तो गेहूं और सरसों की लाखों रुपये की फसल बर्बाद हो गई. अगर किसानों को पहले से मौसम की जानकारी होती तो शायद नुकसान इतना ज्यादा नहीं होता. जानकारी होने पर कटी फसल खेतों से समय पर ही हटा दी जाती. जानकारी के अभाव में बारिश या कोई प्राकृतिक आपदा से फसलों को नुकसान होता है. ऐसे में किसानों के हित में झारखंड सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है.  किसानों को मौसम खराब होने से पहले ही जानकारी देने के लिए एक खास मशीनरी लगाई जा रही है. जानिए इस मशीन की खासियत और यह कैसे किसानों की करेगी मदद.

हर पंचायत में लगेगी रेनगेज मशीन

झारखंड सरकार किसानों की मदद करने के लिए बड़ा कदम उठा रही है, राज्य की हर पंचायत में रेनगेज मशीन लगाई जाएगी. रेनगेज मशीन की मदद से किसानों को मौसम के खराब होने से पहले ही  जानकारी मिल जाएगी, ऐसे में यदि बारिश या ओलावृष्टि जैसा संकट होता है तो किसान अलर्ट होकर कटी फसलों को सुरक्षित स्थान पर ले जा सकेंगे और जो फसल कटी नहीं है उनकी सुरक्षा के इंतजाम भी किसान कर सकेंगे जिससे  किसानों को बहुत कम नुकसान होगा. 

रेनगेज मशीन के लिए 48 करोड़ का प्रॉविजन

 किसानों की मदद के लिए इस सिस्टम को लागू करने के लिए कृषि विभाग और मौसम विभाग प्लानिंग करने में जुटे हुए हैं. झारखंड सरकार ने किसानों की मदद के लिए 48 करोड़ का प्रॉविजन किया है राज्य भर में 25 हजार मौसम केंद्र बनाए जाएंगे जिसकी मदद से दिन में 3 बार मौसम की रिपोर्ट ली जाएगी, फिर रिपोर्ट को सीनियर ऑफिसर को भेजेंगे. इसके बाद ये रिपोर्ट कॉमन सर्विस सेंटर से जारी होगी.

स्थानीय भाषा में मौसम अलर्ट

वहीं मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक मौसम विभाग सचेत और दामिनी ऐप के माध्यम से मौसमी अपडेट देगा.  बारिश और आंधी आने पर सचेत ऐप जानकारी देगा जबकि वज्रपात होने की जानकारी दामिनी ऐप से मिल सकेगी जिसको लेकर मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि झारखंड में इस तरह की तकनीक का प्रयोग पहली बार होने जा रहा है. जो कि बहुत बड़ी उपलब्धि है, किसानों की सहूलियत के लिए मौसम अलर्ट स्थानीय भाषा में जारी किया जाएगा. 

ये भी पढ़ें: रिमोट से चलने वाला ट्रैक्टर, अब बिना ड्राइवर के खेत की होगी अच्छे से जुताई 

जानकारी पाने के लिए ऐप करने होंगे डाउनलोड

इस खास सिस्टम को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभाग ने राज्य के 35 लाख किसानों का डाटा जुटाकर रखा है. मौसम संबंधी कोई भी अपडेट हासिल करने के लिए किसान को दोनों ऐप को अपलोड करना होगा. इसी ऐप पर मौसम संबंधी जानकारी अपडेट की जाएगी, किसान स्थानीय भाषा में जानकारी लेकर मौसम खराब होने से पहले ही अलर्ट हो जाएंगे.
English Summary: Rain and hailstorm will no longer be the period for crops, rain gauge machine will do wonders! Published on: 23 April 2023, 12:28 PM IST

Like this article?

Hey! I am राशि श्रीवास्तव. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News