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अकेले में जब खुद को
अकेला पाता हूं मैं
तूझे चाहता हूं मैं
नादानियां कौन याद रखता है ?
भूल जाता हूं मैं
तूझे चाहता हूं मैं
निभाना आसान नहीं रिश्तों को
पर निभाता हूं मैं
तूझे चाहता हूं मैं
हां ! जिंदगी मायूस करती है
फिर भी मुस्कुराता हूं मैं
तूझे चाहता हूं मैं
जानता हूं तू हकीकत नहीं, बावजूद इसके
चीखता - पुकारता हूं मैं
तूझे चाहता हूं मैं
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