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सावधान! तेल के बार-बार इस्तेमाल से होती हैं ये घातक बीमारियां, भूल से भी ना करें ऐसा

किसको तला-भुना खाना नहीं पसंद होता है. अक्सर लोग जंक फ़ूड खाने के लिए बाहर जाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि बार-बार तेल का इस्तेमाल आपके लिए कितना ख़तरनाक साबित हो सकता है? शायद नहीं. इसी सन्दर्भ में आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं कि कई बार इस्तेमाल किये जाने वाला तेल आपके लिए कितना और कैसे घातक है.

रुक्मणी चौरसिया
तेल का उपयोग (Uses of Oil)
तेल का उपयोग (Uses of Oil)

भारत में सभी त्योहारों और विशेष अवसरों पर हम पूरी और पकोड़े खाना पसंद करते हैं. लेकिन सभी स्वादिष्ट और कुरकुरी तली हुई चीजों (Fried Junk Food) का एक बड़ा नुकसान यह है कि इससे खाना पकाने के तेल की काफी बर्बादी होती है. हालांकि, बाद में हम उस बचे हुए तेल का उपयोग (Uses of Oil)  किसी भी व्यंजन को बनाने में करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जब हम इसे बार-बार इस्तेमाल करते हैं तो इसका हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता (Reheating Oil Affects) है? आइये जानते हैं इस रिपोर्ट में.

तले हुए तेल के दोबारा इस्तेमाल से बचें (Avoid Reuse of Fried Oil)

विशेषज्ञ मानते हैं कि जहां तक हो सके तेल को दोबारा गर्म करने से बचना चाहिए. तले हुए तेल को ठंडा करके दोबारा इस्तेमाल करने से शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है. विशेषज्ञों के अनुसार, एक व्यक्ति कितनी बार सुरक्षित रूप से तेल का दोबारा उपयोग कर सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसमें किस प्रकार का भोजन तला जा रहा है. यह भी मायने रखता है कि यह किस तरह का तेल है, इसे किस तापमान पर और कितनी देर तक गर्म किया गया है.

निकलती है जहरीली गैस (Poisonous Gas Released)

उच्च तापमान पर गर्म किया गया तेल जहरीले धुएं को छोड़ता है. इस्तेमाल किया हुआ तेल स्मोक पॉइंट तक पहुंचने से पहले यानी ठीक से गर्म किए बिना ही धुंआ छोड़ना शुरू कर देता है और फिर अचानक जब तापमान स्मोक पॉइंट से ऊपर हो जाता है तो तेज धुंआ छोड़ना शुरू कर देता है. FSSAI के दिशानिर्देशों के अनुसार, तेल को दोबारा गर्म करने से हमेशा बचना चाहिए.

दोबारा इस्तेमाल करने से बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा (Re-use Increases the Risk of These Diseases)

उच्च तापमान पर तेल में मौजूद कुछ वसा ट्रांस वसा में बदल जाता है. बता दें कि ट्रांस फैट स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. जब तेलों का बार-बार उपयोग किया जाता है, तो ट्रांस वसा की मात्रा और भी अधिक हो जाती है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है. एक ही तेल के दोबारा इस्तेमाल से एसिडिटी, हृदय रोग, कैंसर, अल्जाइमर रोग, पार्किंसन रोग और गले में जलन सहित कई समस्याएं हो सकती हैं.

अब जब हम जानते हैं कि तेल को दोबारा गर्म करना कितना हानिकारक हो सकता है, तो स्वस्थ और रोग मुक्त रहने के लिए तलने, पकाने आदि के लिए आवश्यक तेल की मात्रा का उचित अनुमान लगाना सबसे अच्छा है.

किन तेलों को कर सकते हैं दोबारा इस्तेमाल (Which Oils Can be Reused)

सभी तेल अलग हैं. उनमें से कुछ में एक उच्च धूम्रपान बिंदु होता है जो उन्हें डीप फ्राई करने के लिए उपयुक्त बनाता है. ये तेल उच्च तापमान पर विषाक्त पदार्थों को नहीं छोड़ते हैं. ऐसे तेलों के उदाहरण सूरजमुखी तेल, सोयाबीन तेल, चावल की भूसी, मूंगफली, तिल, सरसों और कैनोला तेल हैं. 

जबकि जिन तेलों में हाई स्मोक पॉइंट नहीं होता है जैसे जैतून का तेल तलने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इन तेलों का उपयोग केवल तलने के लिए किया जा सकता है न कि खाना पकाने के लिए जिसमें उच्च तापमान शामिल होता है.

English Summary: These deadly diseases are caused by repeated use of oil, do not do this even by mistake Published on: 18 May 2022, 05:48 PM IST

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