करवीर यानी कनेर ज्यादातर लोगों के लिए तो यह नाम अनसुना सा होगा, लेकिन यह एक पौधा का नाम है, जिसे आपने बाग-बगीचों, मंदिरों या सड़कों के किनारे देखा होगा. आपको बता दें कि इसके पौधे के फूल का इस्तेमाल सबसे अधिक पूजा-पाठ के लिए किया जाता है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि कनेर के पौधे के कई अनोखे फायदे भी हैं. यह पौधा कई जड़ी-बूटी की दवा (Herbal Medicine) बनाने में भी उपयोग में आता है.
कनेर पौधे के अनसुने फायदे (Unheard benefits of Kaner plant)
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करवीर (कनेर) पौधे से कई तरह की खतरनाक बीमारियों के लिए भी दवा बनाई जाती है. जैसे कि इसके उपयोग से बवासीर, गंजेपन की समस्या, सिफलिस जैसी बीमारियों का इलाज किया जाता है.
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ज्यादातर केस में कनेर का उपयोग लिंग संबंधी समस्या, कुष्ठ रोग, त्वचा विकार रोग में किया जाता है. क्योंकि यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है.
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इतना ही नहीं इसके इस्तेमाल से व्यक्ति को खुजली, फोड़ा संबंधित बीमारी में भी लाभ प्राप्त होता है.
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इसके पौधे की जड़ के साथ विजयसार, भृंगराज तथा गुड़ को मिलाकर एक लेपबनाएं और फिर इसके लेप को बालों में लगाने से सफेद बालों की परेशानी से आप निजात पा सकते हैं.
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गर्भवती महिलाओं के अक्सर पेट व शरीर पर स्ट्रैच मार्क्स आ जाते हैं और वह इसके लिए कई तरह की महंगी दवाओं को खाती हैं,लेकिन फिर भी इससे उन्हें छुटकारा नहीं मिलता है. लेकिन कनेर इसके लिए सबसे अच्छा उपाय है. इसके लिए आप कनेर के पत्ते को तेल में अच्छे से पकाकर स्ट्रेच मार्क्स वाले स्थान पर मालिश करें और आप कुछ ही दिन में अपनी इस परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं.
आइए ये भी जान लेते हैं कि कनेर क्या है? (Let us also know what is Kaner?)
कनेर एक पौधा है, जो 3 मीटर ऊंचा और हरा-भरा रहता है. यह पौधा बेहद मजबूत और सीधी शाखाओं वाला होता है. लेकिन ध्यान रहे कि इसका वृक्ष बहुत ही जहरीला होता है. इसलिए इसका सेवन बहुत की कम मात्रा में किया जाता है.
इसके पौधे को कई नामों से जाना जाता है. जैसे कि- कनेर, कनैल, कनीर, सीलोन रोज, कणगिले, कणेर, अलरी, कराबी, मलयालम-कनेरम (Karviram), दिफ्ली, सुमेलहीमर, खरजाह्राह, दिफेली, गन्नेरू, कस्तूरिपट्टा और कणहेर आदि नामों से जाना जाता है.
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