1. Home
  2. लाइफ स्टाइल

अर्थराइटिस से पीड़ित हों तो जरूर रखें अपने घुटनों का ख्याल

इस मौसम में कई रोगियों के घुटने का दर्द, अकड़न और असहजता की समस्या में बढ़ोतरी हो जाती है क्योंकि वातावरणीय दबाव के कारण रक्तसंचार में बाधा होती है और कोमल ऊतकों का लचीलापन घट जाता है। इसे अक्सर आयु संबंधी टूट-फूट या मौसमी बदलाव समझा जाता है,

किशन

इन दिनों घुटने में दर्द, अकड़न और असहजता की समस्या में बढ़ोतरी हुई है क्योंकि वातावरणीय दवाब के कारण रक्तसंचार में बाधा होती है और कोमल ऊतकों का लचीलापन घट जाता है. इस रोग को अक्सर आयु संबंधी या मौसमी बदलाव समझा जाता है, लेकिन ये अर्थराइटिस के लक्षण हो सकते हैं. जैसे- जोड़ों में जलन होना आदि. इसीलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि आप किस तरह से इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं. जिसके लिए आपको कईं तरह के उपाय करने होंगे. तो आइए जानते हैं कि वे कौन-कौन से तरीके और सुझाव हैं जिनको हम अपना सकते हैं.

डॉक्टर का परामर्श लें

अगर आप समय पर डॉक्टरी सलाह लें और आवश्यक कदम उठाएं, तो अर्थराइटिस से बचा जा सकता है. इसके लिए जीवनशैली में काफी कुछ परिवर्तन किए जा सकते हैं. दरअसल इस संबध में कईं डॉक्टरों का मानना है कि लोग में सर्दियों में आलसी हो जाते हैं. ऐसे दिनों में कम से कम 30 मिनट अवश्य चलें. इससे जोड़ों में चिकनाई आती है और रक्तसंचार ठीक होता है. इससे मांसपेशियां मजबूत होती है और जोड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है. व्यायाम के साथ शरीर में पानी का स्तर ठीक रखने से जोड़ों की टूट-फूट पर आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है. लेकिन यदि यह दर्द ज्यादा तेज़ हो तो 'टोटल नी रिपेलेसमेंट' पर विचार किया जा सकता है. इसीलिए कईं बार अर्थराइटिस से रोगी को राहत के लिए टीकेआर की सलाह दी जाती है. ऐसा करने से रोगी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो जाता है. इसकी पूरी प्रक्रिया के बाद सही फिजियोथैरेपी करने से रोगी छह सप्ताह में पूरी तरह से ठीक हो जाता है.

सावधानी भी अपनाएं

अर्थराइटिस के रोगी सक्रिय जीवनशैली को अपनाकर जोड़ों के दर्द को काफी हद तक दूर रख सकते हैं. बाहर की ठंडी हवा को व्यायाम के बीच में बाधा न बनने दें. काम करते हुए या घर में रहते हुए छोटे ब्रेक लेकर भी आसानी से चलते रहें, ताकि आपका वजन आसानी से नियंत्रित रहे.

जोड़ों के लिए विटामिन- डी सबसे अच्छा है. जितना हो सके कोशिश करें कि आप धूप में रहें. अपने भोजन में पोषक तत्वों और विटामिनों से प्रचुर आहार शामिल करें. जैसे- संतरा, पालक, फूलगोभी, डेयरी उत्पाद और सूखे मेवा इत्यादि.

जोड़ों का मूवमेंट अपने बाहरी क्षेत्र में रक्तसंचार को बढ़ाता है और इसके बाद आपके पैरों में अकड़न कम होती है. इसीलिए अपने कंबल से बाहर निकलकर थोड़ी स्ट्रेचिंग एवं चहलकदमी कर लें.

घुटनों के जोड़ में किसी अन्य जोड़ की तुलना में सबसे ज्यादा तनाव पड़ता है इसीलिए भारी भरकम स्वेटर्स, कार्डिगन आदि को न पहनें. इससे आपके शरीर का वजन बढ़ जाता है.

English Summary: suffering from arthritis then you must take care of your knees Published on: 20 February 2019, 04:50 PM IST

Like this article?

Hey! I am किशन. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News