वैज्ञानिक भी कोरोना वायरस महामारी के सबसे जटिल रहस्यों से परेशान हैं और लगातार इस पर रिसर्च जारी है कि आखिर क्यों कुछ लोग गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं, जबकि अन्य जल्दी ठीक हो जाते हैं? वैज्ञानिक ने हाल ही में किए गए कुछ अध्ययनों में पाया है कि कोरोना की चपेट में आए कुछ मरीजों का इम्यून सिस्टम यह वायरस अचानक से बिगाड़ देता है और फिर उनकी स्थिति गंभीर हो जाती है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि वायरस से लड़ने के लिए शरीर की कई कोशिकाएं लड़ने में असमर्थ हो जाती हैं. ऐसे में संक्रमित मरीज की एक गलती उसके स्वस्थ पर कहर बरपा सकती है. येल विश्वविद्यालय के इम्यूनोलॉजिस्ट अकीको इवासाकी ने कहा है कि कुछ नए मरीजों पर किए गए रिसर्च में कई बड़ी अजीब सी चीजें देखने को मिली हैं. इन असामान्य प्रतिक्रियाओं का अध्ययन करने वाले शोधकर्ता ऐसे पैटर्न ढूंढ रहे हैं जो मरीजों को कुछ हटकर करने से ठीक हो जाते हैं. कुछ लोग अपना इम्यून सिस्टम इतना स्ट्रांग कर लेते हैं कि वायरस उनके संपर्क में आते ही नष्ट हो जाता है.
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के इम्यूनोलॉजिस्ट कैथरीन बेलिश ने कहा कि "समस्या तब आती है जब आप इसे हल नहीं कर सकते." "यह वायरल संक्रमण के दौरान सूजन को विकसित करता है यह एक सामान्य सी बात है. कई मरीज जो अपनी बीमारी से उबरने के लिए संघर्ष करते हैं, वे दूसरे रोगियों के संपर्क में आने के कारण उन्हें ठीक होने में लंबा समय लगता है. शायद प्रतिरक्षा प्रणाली इतनी जल्दी विकसित नहीं हो पाती है.
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