इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग इतने व्यस्त हो गये हैं कि उनकी त्वचा में वह आकर्षण ही नहीं रहा है. वह अपना ध्यान रखना ही भूलते जा रहे हैं या फिर बाजारी रासायनिक उत्पादों (Chemical Based Products) का इस्तेमाल कर त्वचा को उम्र से पहले ही ख़राब कर रहे हैं क्योंकि ये उत्पाद आपको कुछ समय के लिए तो सुन्दर बना सकते हैं पर धीरे-धीरे आपकी त्वचा को अंदर से इस प्रकार ख़राब कर देंगे की आप सोच भी नहीं सकते हैं. तो ऐसे में आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है. हम आपके लिए ऐसे प्राकृतिक उत्पाद लेकर आये हैं जो लागत के अनुकूल हैं और आपको सर्वोत्तम परिणाम प्रदान करेंगे. इन्हें घर के अंदर या अपने आसपास उगाने से न केवल आपको बल्कि पर्यावरण को भी फायदा होगा.
एलोवेरा का पौधा (Aloe vera Plant)
अगर आपकी त्वचा पर काफी मुहांसे हैं तो ऐसे में एलोवेरा एक चमत्कार की तरह काम करता है. हालाँकि लगातार उपयोग और धैर्य के साथ अच्छे परिणाम मिलने में समय लगता है, लेकिन अच्छे परिणाम अवश्य देखने को मिलते हैं. इस पौधे को उगाने के लिए आपको अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी पड़ती है.
एलोवेरा को कैक्टस पॉटिंग मिट्टी में लगायें. जहां अतिरिक्त पानी आसानी से निकल सके. इसे बहुत ही कम मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है. इसमें पानी तभी डालें जब यह ऊपर से कुछ सेंटीमीटर तक सूख जाए.
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पुदीना का पौधा (Mint Plant)
पुदीना भी एक प्रभावी तौर पर नेचुरल स्किन केयर उत्पाद माना जाता है. यह अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी और उच्च एंटी-बैक्टीरियल गुणों के लिए काफी पोपुलर है. यह त्वचा के छिद्रों से गंदगी हटाने में मदद करता है और एक साफ़ हाइड्रेटेड टोन देता है.
कोई भी आपकी स्थानीय नर्सरी से आसानी से पुदीना का पौधा ले सकते हैं. उन्हें एक बड़े गमले में लगायें. जहां वे अन्य पौधों को प्रभावित किए बिना समान रूप से फैल सकें. उन्हें नियमित रूप से पानी दें ताकि मिट्टी नम रहे. अच्छे विकास के लिए निरंतर आधार पर कटाई करें.
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खीरे का पौधा (Cucumber Plant)
खीरा न केवल हमारे पेट को ठंडक देने का कार्य करता है, बल्कि सूजन को कम करता है, सनबर्न को ठीक करता है और शरीर को हाइड्रेट करके हमारी त्वचा को भी लाभ पहुंचाता है. इसके बीज से खीरा आसानी से उगाया जा सकता है.
यह ध्यान जरुर रखे कि इसे पूर्ण सूर्य के प्रकाश और पोषक तत्वों से भरपूर अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता पड़ती है. इसके बेहतर विकास के लिए पतले लंबे तनों के सहारे की आवश्यकता होती है. जब मिट्टी सूखी लगे तो उन्हें तुरंत पानी दें क्योंकि शुष्क स्थिति में उनका स्वाद कड़वा हो जाता है.
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