औषधियों का हमारे जीवन में बहुत उपयोग होता है. हम अक्सर अपने आसपास देखते रहते हैं. हम जब भी बीमार होते हैं तो सबसे पहले हम इन्ही औषधियों को प्रयोग करने का प्रयास करते हैं. इनका महत्त्व जीवन में इसलिए भी है क्योंकि इनके खाने से हमको नुकसान बहुत ही कम होते हैं और कोई साइडइफेक्ट भी नहीं होते हैं और जो होते भी वह या तो बिलकुल न के बराबर होते हैं. मंजिष्ठा जिसे वैज्ञानिक नाम से Rubia cordifolia भी कहा जाता है. एक औषधीय पौधा है जो भारतीय औषधि पद्धति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. यह पौधा पूरे भारत में पाया जाता है और इसके विभिन्न भागों का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है.
रेजिनस (Resins): मंजिष्ठा में पाए जाने वाले रेजिनस शरीर के लिए उपयोगी होते हैं. ये रक्तशोधक गुण रखते हैं और शरीर में रक्त संचार को सुधारने में मदद करते हैं. इसके अलावा, रेजिनस में पाए जाने वाले तत्व त्वचा संबंधी समस्याओं को ठीक करने में भी मदद करते हैं.
रेहिन (Rhein): मंजिष्ठा में पाए जाने वाला रेहिन एक एंथ्राकिनोन्स होता है और शरीर के लिए उपयोगी होता है. यह शोधक गुण रखता है और मदद करता है विषाक्तता को नष्ट करने में. इसके साथ ही, रेहिन शरीर के रक्त में संक्रमण को दूर करने और रक्त संचार को सुधारने में भी मदद करता है.
अन्य पोषक तत्व: मंजिष्ठा में पाए जाने वाले अन्य पोषक तत्व जैसे कि टानिन, अंथोसियनिन, स्टिलबेनस, फ्लैवनॉइड्स, और एंटीऑक्सिडेंट्स आदि भी शरीर के लिए लाभकारी होते हैं. ये तत्व शरीर को संक्रमण से बचाने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, और शरीर के कोशिकाओं की संरचना और कार्य को सुधारने में मदद करते हैं. आज के समय में मंजिष्ठा का प्रयोग लगभग सभी आयुर्वेदिक कंपनियां कर रही हैं. इतना ही नहीं इनके बने उत्पादों की कीमत हजारों तक में होती है. मंजिष्ठा का पूरा पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है, लेकिन उपयोग के लिए आमतौर पर रेजिनस और रेहिन वाले भागों का ही उपयोग किया जाता है.
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यह पौधे हमारे स्वास्थ्य के लिए तो लाभकारी होते ही हैं साथ ही पर्यावरण के लिए भी बहुत उपयोगी होते हैं.
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