भीषण गर्मी के बाद मानसून बहुत सुखदायी लगता है, लेकिन यह कई बीमारियों को भी साथ लेकर आता है.इस दौरान वायरल बीमारियां बहुत होती हैं, जिसमें डेंगू, मलेरिया और सर्दी होना आम बात है.इसके अलावा चिकनगुनिया से लेकर पीलिया और टाइफाइड जैसी बीमारियां भी मानसून में ही सबसे ज्यादा होती हैं.इसके अलावा जो सबसे गंभीर बीमारी है वो है विषाक्त भोजन (खाद्य जनित रोग).इसे इंग्लिश में फूड बोर्न डिजीज और फूड प्वाइजनिंग भी कहा जाता है.
कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन के बाद बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि, फूड प्वाइजनिंग घातक हो सकती है और हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस अपना असर शुरू कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप मतली, दस्त और उल्टी होती है.अपने भोजन पर हानिकारक कीटाणुओं के असर को रोकने के लिए कुछ आवश्यक उपाय जरूरी हैं, अपनी सुरक्षा करने का यह एकमात्र तरीका है.आइए, जानते हैं इस मौसम में सुरक्षित रहने के कुछ तरीके ...
मानसून के सीजन में खाना पकाते समय और स्टोर करते समय सभी आवश्यक सावधानी बरतें.अपने भोजन को पकाने या सेवन करने से पहले अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं.इसके अलावा, सब्जियों और फलों को पकाने या खाने से पहले अच्छी तरह धो लें.सुनिश्चित करें कि आपकी रसोई कीट मुक्त है और खाना पकाने के लिए आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले बर्तन भी ठीक से धोए गए हैं।
मानसून के मौसम में ह्युमिनिटी और नमी के कारण बैक्टीरिया की वृद्धि एकदम से बढ़ जाती है.इसलिए, हमेशा कच्चे और पके हुए ख़राब भोजन को अलग से फ्रिज में रखें.करी जैसा पकाया हुआ भोजन आसानी से खराब हो जाता है.उन्हें एक एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें और कमरे के तापमान पर आते ही उन्हें ठंडा करें.
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