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त्रिफला के अनगिनत गुणों से अगर आप भी है अंजान तो पढ़ें यह लेख

पेट से सभी सम्बंधित बीमारियों के लिए त्रिफला का सेवन अति लाभदायक माना जाता है. त्रिफला में तीन फलों को मिलकर एक मिश्रण तैयार किया जात है. इसलिए इसके सेवन से सभी प्रकार की बीमारियों से जल्द राहत मिलती है.

स्वाति राव
Triphla Pawder Benefits
Triphla Pawder Benefits

त्रिफला (Triphala ) एक आयुर्वेदिक पॉलीहर्बल फॉर्मूला है. यह अपने उपचारात्मक और औषधीय गुणों के लिए व्यापक रूप से जाना जाता है. त्रिफला का सेवन कई रूपों में किया जाता है जिसमें पाउडर, जूस, सूखा, अर्क, टैबलेट आदि शामिल हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें त्रिफला तीन औषधीय फलों से बनाया जाता है. जो कि आंवला, काला हरड़, और बहेड़ा है.

त्रिफला आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में लाभकारी माना जाता है. त्रिफला का सेवन पेट से सम्बंधित (Consumption Of Triphala Related To Stomach ) सभी प्रकार की बीमारियाँ जैसे अपच, एसिडिटी, गैस, बदहजमी, जलन आदि के लिए किया जाता है. त्रिफला विभिन्न प्रकार की बीमारियों के लिए एक स्वास्थ्य प्रमोटर के रूप में कार्य करता है. त्रिफला त्वचा के लिए और बालों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए भी अच्छा माना जाता है.

त्रिफला मिश्रण विधि (Triphala Mixture Method)

त्रिफला मिश्रण को बनाने के लिए तीनों फलों यानि आंवला काला हरड़, और बेलेरिक जिसे बहेड़ा भी काहा जाता है. तीनों को बराबर मात्रा में मिलाकर मशीन में पीसकर मिश्रण तैयार किया जाता है. आइए जानें उन फलों के बारे मे जिससे त्रिफला चूर्ण तैयार किया जाता है.

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आंवला (Gooseberry)

आंवले ने आयुर्वेदिक चिकित्सा में हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आंवला को भारत का सबसे पुराना खाद्य फल कहा जाता है. आंवला एक छोटी और गोल बेरी है जिसमें 6-7 पीली धारियां होती हैं. ये खट्टे और कड़वे होते हैं. आंवला और इसके अर्क का उपयोग उनके औषधीय गुणों के लिए किया जाता है. वे कैंसर की रोकथाम में मदद करते हैं. फाइबर से भरपूर होने के कारण ये कब्ज में भी मदद करते हैं.

काला हरड़ (Black Myrtle)

यह सबसे लोकप्रिय प्राचीन जड़ी बूटियों में से एक है जिसका उपयोग स्मृति में सुधार के लिए किया जाता है. हरड़ को दवाओं का राजा" भी कहा जाता है. काला हरड़ को ब्लैक मायरोबलन के नाम से जाना जाता है. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं.

बहेड़ा (Bahera)

बहेड़ा जिसे Belleric Myrobalan  के नाम से जाना जाता है. बेलेरिक मायरोबालन का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में हजारों वर्षों से किया जा रहा है. इसे पारंपरिक रूप से छाछ के साथ मिश्रित पेस्ट के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं में सहायता करता है और आंत्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है.

English Summary: From which fruits is Triphala prepared, read this article Published on: 01 March 2022, 05:54 PM IST

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