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काली और सफ़ेद मूसली के ये फ़ायदे कर देंगे हैरान

आयुर्वेदिक उपचार में 250 एकल पौधों व 600 से ज़्यादा हर्बल सूत्र के उपचार शामिल हैं. इसमें जड़ी-बूटियों के उपयोग से शरीर को स्वस्थ और निरोगी किया जाता है.

मोहम्मद समीर
आयुर्वेद हज़ारों साल पुरानी इलाज पद्धति है जो आत्मा, मन और तन को उपचारित करती है
आयुर्वेद हज़ारों साल पुरानी इलाज पद्धति है जो आत्मा, मन और तन को उपचारित करती है

हम हमेशा से ये सुनते आएं हैं कि अगर आपको किसी बीमारी को जड़ से ख़त्म करना है तो आयुर्वेद में  वर्णित औषधियों का सेवन करें. काफ़ी हद तक ये बात सही भी है. आयुर्वेदिक औषधियां न सिर्फ़ शारीरिक समस्याओं को दूर करती हैं बल्कि लम्बे समय तक उन्हें आस-पास भटकने भी नहीं देती. आयुर्वेद हज़ारों साल पुरानी इलाज पद्धति है जो आत्मा, मन और तन को उपचारित करती है और आयुर्वेदिक औषधियां इसका उपयोग करने वालों को सेहतमंद रखती हैं. आयुर्वेदिक उपचार में 250 एकल पौधों और 600 से ज़्यादा हर्बल सूत्र के उपचार शामिल हैं. इसमें जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल से शरीर को तंदुरुस्त और निरोगी किया जाता है. इन्हीं जड़ी-बूटियों में शामिल हैं सफ़ेद और काली मूसली. आज हम इन्हीं के बारे में बात करेंगे और जानेंगे इनके फ़ायदे.

काली मूसलीः

आयुर्वेद में काली मूसली के इस्तेमाल का ज़िक्र विशेषरूप से किया गया है. अगर आप इसका सेवन करते हैं तो कई रोग आपसे दूर रहेंगे. इनकी तासीर गर्म होती है इसलिए इसके उपयोग से पहले अपने चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें. काली मूसली आपको थकान, पाइल्स इत्यादि बीमारियों में राहत देती है.

फायदे-

  • यूरीन से जुड़ी समस्याओं के लिए काली मूसली का उपयोग किया जाता है. महिला और पुरुष दोनों यूरीन में जलन होने, यूरीन उत्सर्जन के दौरान दर्द होने जैसे हालात में काली मूसली का सेवन कर सकते हैं. ध्यान रहे कि काली मूसली का सेवन आपको चिकित्सक के सलाह के बग़ैर नहीं करना है.
  • कई लोग किडनी में दर्द की समस्या से पीड़ित हैं. अगर काली मूसली चूर्ण (1-2) ग्राम को 5ml तुलसी के पत्तों के रस के साथ मिलाकर खाएंगे तो राहत मिलेगी.
  • अस्थमा के रोगी काली मूसली की जड़ के छाल को पान के पत्तों में रखकर खाएंगे तो उन्हें फ़ायदा मिलेगा.
  • शरीर की कमज़ोर हड्डियों में फूर्ति लाने के लिए काली मूसली को उपयोग में लाया जाता है.
  • मौसम परिवर्तन के साथ होने वाली खांसी की समस्या से परेशान मरीज़ काली मूसली का इस्तेमाल कर समस्या से निजात पा सकते हैं.
  • इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए ठंड में होने वाली एलर्जी से भी ये आपको बचाती है. अगर चिकित्सकीय परामर्श से काली मूसली का सही इस्तेमाल किया जाए तो ये कई गंभीर समस्याओं से निजात दिलाने के लिए काफ़ी कारगर औषधि है.

सफ़ेद मूसलीः

भारत के जंगलों में पाई जाने वाली यह औषधि शुगर/मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों के साथ कई रोगों में असरदार है. दुःख इस बात का है कि सफ़ेद मूसली बहुत मुश्किल से मिल पाती है क्योंकि ये विलुप्ति की कगार पर है.

फ़ायदे-

  • एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर सफ़ेद मूसली ग्लूकोज़ लेवल को कम करती है. यह मधुमेह जैसी बीमारियों में काफ़ी फ़ायदेमंद आयुर्वेदिक औषधि है.
  • मोटापे से परेशान लोगों को सफ़ेद मूसली का सेवन करना चाहिए. यह औषधि पेट की चर्बी को कम करके शरीर को मोटापे से निजात दिलाने में मदद करती है.
  • काली मूसली की तरह सफ़ेद मूसली भी यूरीन की समस्या से छुटकारा दिलाने में लाभकारी है. अगर आपको यूरीन में जलन की परेशानी है तो इलायची वाले दूध में मिलाकर इसका सेवन करने से राहत मिलती है.
  • दस्त की समस्या में सफ़ेद मूसली आराम दिलाती है.
  • स्तनपान कराने वाली महिलाएं 2 से 4 ग्राम सफ़ेद मूसली के चूरन में इतनी ही मात्रा में मिश्री मिलाकर इसका दूध के साथ सेवन करें तो दूध में वृद्धि होगी.
  • ल्यूकोरिया की समस्या से ग्रस्त महिलाएं अगर सफ़ेद मूसली के 1 से 2 ग्राम कंद चूर्ण का सेवन करें तो लाभ होगा.
  • इसके अलावा गठिया, शुक्राणु समस्या आदि में सफ़ेद मूसली का इस्तेमाल फ़ायदेमंद साबित होता है.

ये भी पढ़ेंः ऐसे करें सफेद मूसली की खेती, पढ़ें पूरी जानकारी

ध्यान रहे कि बताए गए आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल आपको चिकित्सक की सलाह पर ही करना है.

English Summary: black and white musli will keep your health better. Published on: 15 December 2022, 06:24 PM IST

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