आयुर्वेद में कई औषधीय पौधों की जानकारी दी गई है, जिनमें से एक ब्राह्मी भी है. यह एक ऐसा ब्राह्मी (Brahmi) औषधीय पौधा है, जिसे औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. ब्राह्मी (Brahmi) भारत की प्राचीन जड़ी बूटी है. इसे आयुर्वेदिक में मेध्यंरसायन का नाम दिया गया है.
पिछले कई वर्षों से पारंपरिक औषधियों में ब्राह्मी (Brahmi) का इस्तेमाल हो रहा है. ऐसे में आज आपको बताते हैं कि यह औषधीय पौधा कैसा होता है और किस तरह हमारी सेहत के लिए लाभकारी है.
ब्राह्मी पौधे की खासियत (Features of Brahmi Plant)
ब्राह्मी का पौधा रसीला होता है, जो जमीन पर फैला होता है. इसमें अत्य्धिक पानी को संग्रहित करने की क्षमता मौजूद होती है. इसके फूल सफेद, गुलाबी और नीले रंग के उगते हैं. इसमें कई रोगों से लड़ने की क्षमता है, साथ ही मस्तिष्क के लिए बेहद उपयोगी है, इसलिए इसे ब्रेन बूस्टर भी कहा जाता है. ब्राह्मी (Brahmi) में कई और भी महत्वपूर्ण गुण होते हैं, जिनसे शरीर की अनेक समस्याओं का इलाज संभव होता है. आइए इसके गुणों के बारे में जानते हैं.
ब्राह्मी के सेवन से फायदे (Benefits of consuming Brahmi)
मस्तिष्क के लिए लाभकारी (Beneficial to the Brain)
रोजाना सुबह खाली पेट ब्राह्मी का सेवन करने से दिमाग तेज होता है. इसके अलावा तनाव कम करने में सहायक भी लाभकारी है, क्योंकि इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं.
याददाश्त बढ़ाए (Increase Memory)
इसका सेवन करने से याददाश्त बढ़ती है. आप इसके पाउडर को दूध या पानी में मिलाकर पी सकते हैं. ये दिमाग को तेज करता है.
अल्जाइमर को रोकता है (Prevents Alzheimer's)
ब्राह्मी का सेवन दिमाग की नसें खोलता है. कुछ रिसर्च में बताया गया है कि इसमें एंटीऑक्सीlडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों को खत्म करते हैं. इससे अल्जाइमर की रोकथाम भी होती है.
ब्रेन इंफेक्शन को रोके (Prevent Brain Infection)
अगर आप ब्राह्मी का सेवन करते हैं, तो यह दिमाग में मौजूद शिथिल कीटाणुओं को खत्म करता है. इतना ही नहीं, यह ब्रेन की रक्तकोशिकाओं में खून का संचार बढ़ाता है.
कैंसर में फायदेमंद (Beneficial in Cancer)
यह एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जो कैंसर को रोकने का कार्य करती है. इसका सेवन स्तन कैंसर और कोलन कैंसर की हानिकारक कोशिकाओं के विकास को रोकता है. अगर कोई कैंसर की शुरुआती स्टेज पर है, तो उसे ब्राह्मी का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए.
श्वास संबंधित समस्याओं में गुणकारी (Effective in breathing problems)
यह अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी के लिए काफी लाभकारी है. इसके लिए आप ब्राह्मी का अर्क या जूस ले सकते हैं. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एडेप्टोजेनिक गुण होता है, जो फेफड़े मजबूत रखता है. इसके साथ ही श्वास नली की जलन और सूजन की समस्या दूर करता है.
जानकारी के लिए बता दें कि देश में बंगाल का ब्राह्मी शाक (पौधा) सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के वनस्पति शोध काउंसिल की मानें, तो यहां के ब्राह्मी शाक में सबसे ज्यादा बैकोसाइड ए पाया जाता है. इसके बाद देहरादून का नाम आथा है. यह शोध देश के 13 शहरों से एकत्रित ब्राह्मी शाक के नमूनों पर किया गया है.
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