ऐसी कई खतरनाक बीमारियां हैं, जिनसे आज के समय में ज्यादातर लोग पीड़ित हैं. इन्हीं बीमारियों में से एक टीबी की बीमारी भी है. आंकड़ों के मुताबिक हमारे देश में टीबी के मरीजों की संख्या काफी अधिक है.
आपको बता दें कि इस बीमारी के इलाज में लगभग 6 महीने का एक एंटीबायोटिक (antibiotic) होता है. यह एंटीबायोटिक टीबी के बैक्टीरिया को मारने का कार्य तेजी से करता है. लेकिन जितने इन एंटीबायोटिक के फायदे होते हैं, उतने ही इसके नुकसान भी होते हैं. वैसे तो टीबी के इलाज के लिए 4 एंटीबायोटिक आवश्यक हैं. जो कुछ इस प्रकार से है...
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आइसोनियाज़िड (isoniazid)
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रिफाम्पिसिन (rifampicin)
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इथाम्बुटोल (ethambutol)
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पाइरैजिनेमाइड (pyrazinamide)
इन सभी एंटीबायोटिक के अपने अलग-अलग फायदे होते हैं और इनके अपने अलग-अलग नुकसान भी हैं.
टीबी की दवा खाने से साइड इफेक्ट (Side effects of taking antibiotics for TB)
अगर आप बिना डॉक्टर की सलाह से इन एंटीबायोटिक को खाते हैं, तो आपको भी इन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. जैसे कि सांस लेने में समस्या, चेहरे या गले में सूजन भी आ सकती है.
यदि आप त्वचा संबंधी परेशानी का सामना करते हैं. तो तुरंत अपने नजदीकी आपातकालीन सेवा से संपर्क करें. अन्यथा आपको तेज बुखार, गले में खराश, आंखों में जलन और त्वचा सम्बंधित समस्या हो सकती है.
बिना डॉक्टर की सलाह से टीबी की इथाम्बुटोल दवा को खाने से आपको जोड़ों की समस्या, नर्व की परेशानी और गुर्दे से संबंधित दिक्कतें आ सकती है.
पिराजीनामइड दवा से व्यक्ति को भूख ना लगना, बुखार आना, पेट में दर्द बना रहना, पीलिया और त्वचा रिएक्शन जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं.
रिफैम्पिसिन एंटीबायोटिक से व्यक्ति को दस्त लगना, सिर दर्द होना, खुजली और साथ ही शरीर में थकावट महसूस हो सकती है.
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