1. Home
  2. खेती-बाड़ी

धान की फसल में लगने वाले रोग और उनका रोकथाम

धान की अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए जरूरी है समय से उसमें लगने वाले रोगों का रोकथाम करना. यदि आप की धान की फसलों में रोग लग जाये, तो आप अपनी फसलों में सही कीटनाशक का छिडकाव करें, जिससे फसल की उपज भी अच्छी होगी और कमाई भी.

स्वाति राव
Paddy Disease
Paddy Disease

धान की अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए जरूरी है समय से उसमें लगने वाले रोगों का रोकथाम करना. यदि आप की धान की फसलों में रोग लग जाये, तो आप अपनी फसलों में  सही कीटनाशक का छिडकाव करें, जिससे फसल की उपज भी अच्छी होगी और कमाई भी.

दरअसल, धान की फसलों में हमें अक्सर ये तीन प्रकार के रोग देखने को मिलते हैं. जो हमारी फसलों को आमतौर पर बर्बाद कर देते हैं, तो आइये आज हम अपने इस लेख में आपको धान की फसलों में लगने वाले रोग और उनकी रोकथाम का तरीका बताते हैं-

शीथ ब्लाईट रोग ( Sheath Blight Disease)

धान की फसलों में शीथ ब्लाईट फफूंद नामक रोग लग जाता है. इस तरह के रोग से धान की फसल के पत्ते पर हरे–भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं, जो देखने में सांप के केचुए की भांति प्रतीत होते हैं, तो ऐसे में इस तरह के रोग को नियंत्रण करने के लिए आपको सबस सबसे पहले धान के खेत में अच्छी जल निकासी का प्रतिबंध करना चाहिए.

इसके बाद आपको इस रोग को नियंत्रण करने के लिए धान की फसलों पर 1 ग्राम कार्बेन्डाजिम (carbendazim)  का चूर्ण 1 लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करें ऐसा करने से फसलों पर लगे रोग से जल्द निजात मिलेगी.

पत्र अंगमारी रोग (Patra Angmaari Rog )

पत्र अंगमारी रोग धान की फसलों पर लगने वाला एक प्रकार का रोग है. इस तरह के रोग में धान की फसल की पत्तियों पर सूखने लगती हैं. जिससे फसल को काफी नुक्सान पहुँचता है

तो इसलिए इस तरह के रोग की रोकथाम के लिए आप 1 ग्राम स्ट्रेप्टोसाईक्लिन (streptocycline) का 10 लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करें. ऐसा करने से आपकी धान की फसल पर लगने वाले रोग से काफी राहत मिलेगी.

तना छेदक कीट (Stem Borer Insect)

तना छेदक एक प्रकार का धान की फसल में लगने वाला रोग है. इस तरह के रोग में कीट तना के अन्दर जाकर फसल के मुलायम भाग को खाता है, जिसके कारण फसल सूखने लगती है. जिस वजह से धान की बालियाँ सफ़ेद होने लगती हैं

तो धान की फसलों पर इस तरह के रोग लगने पर आपको 25 कार्बोफ्यूरान 3 जी का छिडकाव कर सकते हैं. इसके साथ ही एसिफेट 75 प्रतिशत एस.पी. का 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव कर सकते हैं.

ऐसे ही फसलों से सम्बंधित जानकारियां जानने के लिए कृषि जागरण हिंदी पोर्टल से जुड़े रहिये

English Summary: If you are getting this disease in your paddy crops then control it like this Published on: 27 September 2021, 01:27 PM IST

Like this article?

Hey! I am स्वाति राव. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News