जब औषधीय पौधों की बात होती है तो सोमलता का नाम भी सबसे ऊपर आता है. इसे अंग्रेजी में सिडा कॉर्डिफोलिया के नाम से भी जाना जाता है. यह औषधीय पौधा मूल रूप से भारत में भी पाया जाता है. कहा जाता है कि पुराने समय में सोमरस भी इसी से बनाया जाता था. सोम लताएं प्रमुख तौर पर पहाड़ी इलाकों में पाई जाती हैं. इस पौधे के जड़ों व पत्तियों का उपयोग औषधीय कार्यों के लिए किया जाता है. इसकी मदद से कई बड़ी बड़ी दवाइयां बनती हैं. जो शरीर को खतरनाक बीमारियों से छुटकारा दिलाने में सहायक साबित होती हैं. तो आइये जानें सोमलता कैसे है स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद.
गठिया में इससे बने दवाओं का होता है इस्तेमाल
डॉक्टर सोनाली बताती हैं कि इस पौधे के कई चिकित्सीय लाभ हैं. इसे ताकत व शक्ति बढ़ाने वाले टॉनिक को बनाने में उपयोग किया जाता है. इससे बनी दवाओं का इस्तेमाल सूजन को कम करने, गठिया और अन्य सूजन संबंधी स्थितियों से जुड़े दर्द को कम करने में भी होता है.
श्वसन संबंधी समस्याओं का निपटारा
सोमलता का उपयोग अक्सर खांसी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सर्दी जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने के लिए भी किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह वायुमार्ग को साफ करने में मदद करता है.
ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाने में सहायक
यह पौधा शरीर को तनाव से निपटने और सहनशक्ति बढ़ाने में भी मदद कर सकता है. कई डॉक्टर्स नियमित रूप से इससे बने दवाओं का सेवन करने का सुझाव देते हैं. हालांकि, डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है.
पाचन सहायता
सोमलता का उपयोग पाचन में सुधार व अपच से राहत दिलाने के लिए भी किया जाता है. कई दवा कंपनियां इस पौधों को चूर्ण व सिरप बनाने में भी इस्तेमाल करती हैं.
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त्वचा संबंधी बीमारियां
सूजनरोधी व घाव भरने वाले गुणों के कारण चकत्ते, खुजली और इस तरह की अन्य त्वचा संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए भी सोमलता का उपयोग किया जाता है.
भारत के विभिन्न हिस्सों में पाया जाता है यह पौधा
सोमलता पौधा भारत के विभिन्न हिस्सों में पाया जाता है. यह प्राकृतिक रूप से घने जंगलों में विकसित होता है. इसे अक्सर पर्वतीय क्षेत्रों जैसे कि दार्जीलिंग, दुर्गापुर, कांडारी गांव, नासिक और रत्नागिरी जैसे पर्वतीय इलाकों में पनपते हुए देखा जाता है. इसके अलावा, इस पौधा की उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, वाराणसी और मिर्जापुर जैसे क्षेत्रों में भी खेती की जाती है.
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