रोग शरीर को पूछ कर नहीं लगता और आजकल तो ऐसे-ऐसे रोग होने लगे हैं कि कभी-कभी डॉक्टर के सामने भी ये रोग चुनौती बन जाते हैं. हवा और पानी का दूषित होना आज आम बात हो गई है. इसके अलावा हमारा खानपान और जीवनशैली भी इसकी एक बड़ी वजह है. आज हम इस लेख के माध्यम से आपको एक ऐसी समस्या या रोग के बारे में बताएंगे जो है तो पुरानी पर अब सामान्य रुप ले चुकी है और हर किसी को अपना शिकार बना रही है. मुंह में छालों की समस्या पहले बहुत कम होती थी परंतु अब यह आम है. लेकिन प्रकृति ने हमें अपने वरदान के रुप में हर रोग का समाधान दिया है. तो चलिए जानते हैं ऐसे पौधे के विषय में -
गिलोय
गिलोय आज एक ऐसा औषधीय पौधा बन चुका है जिसके बिना आयुर्वेद अधूरा है. कोई अंतर्राष्ट्रीय कंपनी हो या देसी आयुर्वेदिक दवाखाना, वहां शरीर के लगभग हर भाग के लिए गिलोय से बनी दवाई उपलब्ध है. क्योकि गिलोय एकमात्र ऐसा पौधा है जो शरीर के हर अंग के लिए उत्तम है. आपके मुंह में छाले हैं या आपको गैस की दिक्कत है, आपको दिल संबंधी रोग है या आप कैंसर जैसी भयानक बीमारी से पीड़ित हैं, सबका एक ही उत्तम इलाज है - गिलोय
पुदीना और तुलसी का काढ़ा
पुदीना और तुलसी, ये दोनों ही ऐसे पौधे हैं जिनसे तमाम तरह की दवाईयां बनाई जाती हैं. कोई इसका जूस बनाकर बेचता है तो कोई इससे बनी गोलियां. परंतु क्या आप जानते हैं कि पुदिना और तुलसी का काढ़ा आपको मुंह के छालों से हमेशा के लिए राहत दे सकता है. दसअसल, पुदीने में मिंट का तत्व रहता है जो ठंडा और ताज़गी भरा होता है. ठीक उसी तरह तुलसी में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो गले और फेफड़ों में जमा गंद को निकालने में कारगर होते हैं और इनका काढ़ा हमारे गले, फेफड़े, आंते और मलद्वार को साफ करने का काम बखूबी करता है.
एलोवेरा
एलोवेरा को ज्यादातर लोग सिर्फ त्वचा के लिए ही एक औषधि मानते हैं परंतु शायद आप नहीं जानते कि एलोवेरा के जेल को खाने से आपको कभी भी मुंह में छालों की शिकायत नहीं होगी. क्योंकि मुंह में छालों की समस्या का पेट से बहुत गहरा नाता है. यदि आपका पेट ठीक तरह से काम करता है तो आपको छालों की शिकायत भी नहीं होती परंतु यदि आपका पेट गड़बड़ रहता है तो मुंह के छाले आपको बार-बार परेशान करते हैं. इसीलिए एलोवेरा का सेवन करें ताकि आपका पेट स्वस्थ रहे और आपको कभी भी मुंह के छालों से परेशान न होना पड़े.
कच्चा आंवला
आज बाज़ार में तमाम तरह के आंवला जूस, सिरप और न जाने क्या-क्या उत्पाद मिल जाते हैं. मुंह के छालों के लिए डॉक्टर आंवले के जूस का सेवन करने की सलाह भी देते हैं परंतु रोगी को आराम नहीं मिलता क्योंकि बाजार में मिलने वाले आंवला जूस या सिरप में मिलावट होती है और मिलावटी दवा से कभी भी आराम नहीं आता. इसीलिए इसका सबसे असरकारी इलाज यह है कि आप घर पर आंवला ले आएं और फिर उसे कच्चा खाएं और इसके कुछ मिनट बाद पानी पी लें. इस तरह के इलाज को ही नैचरोपैथी कहा जाता है. शुरु में थोड़ा अजीब लगेगा परंतु आप पाएंगे कि आपके मुंह के छाले अब गायब हो चुके हैं.
नैचरोपैथी है अचूक इलाज
नैचरोपैथी इलाज की एक ऐसी विधा है जो सीधे और जल्द असर के लिए प्रयोग में लाई जाती है. दरअसल नैचरोपैथी में किसी भी रोग के लिए बाजार से दवाई नहीं ली जाती और न ही किसी आयुर्वेदिक दवा का सेवन किया जाता है बल्कि नैचरोपैथी में प्रकृति और इससे मिले उपहारों जैसे पेड़, पौधे, तने, शाखाएं, फूल आदि का सेवन मरीज को कराया जाता है. उदाहरण के लिए - यदि किसी को दाने बहुत होते हैं तो उसे नीम की पत्तियां खिलाई जाती हैं और नीम से नहलाया जाता है.
इस लेख में दिए गए सभी पौधों का आप भी प्रयोग कर सकते हैं और मुंह के छालों से हमेशा के लिए राहत पा सकते हैं.
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