देशभर में फैली महामारी से लड़ने के लिए दुनियार भर के लोग अपने शरीर की इम्युनिटी यानी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बढ़ाने में लगे है ताकि वे इस खतरनाक संक्रमण से बच सकें.जिसके लिए वे इम्युनिटी बूस्टर खाद्य पदार्थों और पेय जैसे औषधीय काढ़े आदि का नियमित रुप से सेवन कर रहे हैं.
इम्युनिटी बूस्टर चीजें बनाने के लिए उन्हें औषधीय पौधों की आवश्यकता पड़ रही है मगर देशभर में हुए लॉकडाउन की वजह से औषधिय पौधे जैसे- तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा, एलोवेरा आदि मिल नहीं पा रहे. जिस कारण अब इनकी मांग भी बढ़ रही है. जिस कारण नर्सरी संचालक इनकी बढ़ती मांग को देखते हुए जल्दी से जल्दी नए पौधे तैयार करने में लगे हैं.मांग बढ़ने से इनकी कीमतों में भी उछाल आ गया है.
इन औषधीय पौधों की बढ़ी ज्यादा मांग (Increased demand for these medicinal plants)
पहले लोग शौकिया तौर पर घरों में एलोवेरा,तुलसी आदि औषधीय पौधे लगाते थे लेकिन जब से कोरोना संक्रमण फैला है तब से लगभग 60 से 70 फीसद लोग औषधीय पौधे घरों में लगा रहे हैं और इनसे बना शुद्ध काढ़े का सेवन कर खुद और परिवार को स्वस्थ रख रहे हैं. क्योंकि कई शोधों में माना गया है कि औषधीय पौधों से बने काढ़े का नियमित सेवन करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और ये काढ़ा कई प्रकार की बीमारियों को भी खत्म करता हैं.
एक नर्सरी के संचालक से पता चला है कि इन औषधीय पौधों (तुलसी, अश्वगंधा,गिलोय,एलोवेरा आदि) को तैयार होने में लगभग 3 से 6 माह तक का समय लगता है. गिलोय, अश्वगंगा, एलोवेरा और तुलसी के पौधों को तैयार करने में दो से तीन महीने लगते हैं.
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जानें बाजार में इन औषधीय पौधों की कीमत (Know the price of these medicinal plants in the market)
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गिलोय (Giloy)- 40 से 50 रुपए
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अश्वगंधा (Ashwaganda)- 50 से 60 रुपए
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एलोवेरा (Aloevera)- 40 से 50 रुपए
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